जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो).
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगना लगभग तय हो गया है. बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने और सरकार के गिरने के बाद प्रमुख विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी सरकार बनाने से इनकार कर दिया है. इस पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने आज जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन की सिफारिश वाली रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी.
भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार से हटने और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने यह रिपोर्ट भेजी है. राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने से पहले वोहरा ने महबूबा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर के साथ विचार विमर्श किया.
यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर 40 साल में आठवीं बार होगा राज्यपाल शासन से रूबरू!
राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राज्यपाल को गठबंधन सरकार से भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बारे में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता क्रमश: रवींद्र रैना और कवींद्र गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर वाला एक पत्र फैक्स के जरिए प्राप्त हुआ.’’ प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा ने इसके बाद इस्तीफा दे दिया लेकिन राज्यपाल ने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा.
यह भी पढ़ें : बदले राजनीतिक हालात में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ तेज हो सकता है अभियान
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने कवींद्र गुप्ता और महबूबा मुफ्ती से बात करके जानना चाहा कि क्या उनकी पार्टियां राज्य में सरकार बनाने के लिए वैकल्पिक गठबंधनों की संभावना तलाशने की इच्छुक हैं, दोनों नेताओं ने इस पर ‘न’ में जवाब दिया. ’’ प्रवक्ता ने कहा कि वोहरा ने मीर से भी बात की जिन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास खुद या गठबंधन में सरकार बनाने के लिए संख्याबल नहीं है. इसके बाद राज्यपाल ने उमर से मुलाकात की जिन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन और चुनावों के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
VIDEO : जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार गिरी
प्रवक्ता ने कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद राज्यपाल वोहरा ने जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाने के लिए राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजी.
(इनपुट भाषा से)
भाजपा द्वारा गठबंधन सरकार से हटने और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने यह रिपोर्ट भेजी है. राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने से पहले वोहरा ने महबूबा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर के साथ विचार विमर्श किया.
यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर 40 साल में आठवीं बार होगा राज्यपाल शासन से रूबरू!
राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राज्यपाल को गठबंधन सरकार से भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बारे में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता क्रमश: रवींद्र रैना और कवींद्र गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर वाला एक पत्र फैक्स के जरिए प्राप्त हुआ.’’ प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा ने इसके बाद इस्तीफा दे दिया लेकिन राज्यपाल ने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा.
यह भी पढ़ें : बदले राजनीतिक हालात में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ तेज हो सकता है अभियान
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने कवींद्र गुप्ता और महबूबा मुफ्ती से बात करके जानना चाहा कि क्या उनकी पार्टियां राज्य में सरकार बनाने के लिए वैकल्पिक गठबंधनों की संभावना तलाशने की इच्छुक हैं, दोनों नेताओं ने इस पर ‘न’ में जवाब दिया. ’’ प्रवक्ता ने कहा कि वोहरा ने मीर से भी बात की जिन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास खुद या गठबंधन में सरकार बनाने के लिए संख्याबल नहीं है. इसके बाद राज्यपाल ने उमर से मुलाकात की जिन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन और चुनावों के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
VIDEO : जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार गिरी
प्रवक्ता ने कहा कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद राज्यपाल वोहरा ने जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाने के लिए राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजी.
(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं