इस अभियान के तहत 41 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा
नई दिल्ली:
खसरा-रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान का पहला चरण पांच राज्यों -तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप तथा पुडुचेरी में सफलतापूर्वक पूरा हो गया. इस दौरान 3.3 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया और वांछित आयु समूह के 97 प्रतिशत हिस्से तक पहुंचा गया. अगस्त महीने से अगला चरण आठ राज्यों में यह अभियान शुरू होगा और इसका लक्ष्य 3.4 करोड़ बच्चों को कवर करना है.
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अभियान का उद्देश्य समाज में खसरा और हल्के खसरे की बीमारी से प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना है, ताकि बीमारी को रोका जा सके. इसलिए अभियान के दौरान सभी बच्चों को एमआर टीका लगवाना चाहिए. जो बच्चे पहले इस तरह के टीके पहले लगवा चुके हैं उनके लिए यह नया डोज अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगा.
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इस अभियान का लक्ष्य लगभग 41 करोड़ बच्चों को कवर करना है और यह पूरे विश्व में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बनने जा रहा है. अभियान के दौरान 9 महीने से 15 वर्ष के कम आयु के सभी बच्चों को खसरे और हल्के खसरे से बचाने के लिए एक इंजेक्शन लगाया जाता है. इस अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाकरण का हिस्सा हो जाएगा.
अभियान के दौरान अधिकतम कवरेज का लक्ष्य हासिल करने के लिए अनेक हितधारकों को इस अभियान में शामिल किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, अन्य मंत्रालय, विकास सहयोगी, लायंस क्लब, पेशेवर संस्थाएं जैसे बाल रोग विशेषज्ञों का संगठन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं.
VIDEO: बच्चों के लिए जरूरी है टीकाकरण उल्लेखनीय है कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ वर्ष 2020 तक खसरा तथा रूबेला/वंशानुगत खसरा लक्षण (सीआरएस) को समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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अभियान का उद्देश्य समाज में खसरा और हल्के खसरे की बीमारी से प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना है, ताकि बीमारी को रोका जा सके. इसलिए अभियान के दौरान सभी बच्चों को एमआर टीका लगवाना चाहिए. जो बच्चे पहले इस तरह के टीके पहले लगवा चुके हैं उनके लिए यह नया डोज अतिरिक्त क्षमता प्रदान करेगा.
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इस अभियान का लक्ष्य लगभग 41 करोड़ बच्चों को कवर करना है और यह पूरे विश्व में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बनने जा रहा है. अभियान के दौरान 9 महीने से 15 वर्ष के कम आयु के सभी बच्चों को खसरे और हल्के खसरे से बचाने के लिए एक इंजेक्शन लगाया जाता है. इस अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाकरण का हिस्सा हो जाएगा.
अभियान के दौरान अधिकतम कवरेज का लक्ष्य हासिल करने के लिए अनेक हितधारकों को इस अभियान में शामिल किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, अन्य मंत्रालय, विकास सहयोगी, लायंस क्लब, पेशेवर संस्थाएं जैसे बाल रोग विशेषज्ञों का संगठन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं.
VIDEO: बच्चों के लिए जरूरी है टीकाकरण उल्लेखनीय है कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ वर्ष 2020 तक खसरा तथा रूबेला/वंशानुगत खसरा लक्षण (सीआरएस) को समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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