
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इसमें करीब 20 देशों ने किए हस्ताक्षर
इसके तहत 120 देशों के साझा संगठन की मुहिम
इसका मकसद सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
सोलर अलायंस के तहत सौर ऊर्जा की अच्छी संभावना वाले करीब 120 देशों के एक साझा संगठन बनाने की बात है. ये देश पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच पड़ते हैं जिसकी वजह से यहां सौर ऊर्जा की अच्छी संभावना है. सोलर अलायंस का मकसद सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना और उसके ज़रिये सोलर एनर्जी की मांग बढ़ाकर इसकी कीमत को कम करना है.
जलवायु परिवर्तन के खतरे और धरती के बढ़ते तापमान को देखते हुए यह अलायंस कारगर हो सकता है क्योंकि ये सौर ऊर्जा की दिशा में क्रांतिकारी विचार है लेकिन इस अलायंस को लेकर सबसे बड़ी फिक्र पैसे और टेक्नोलॉजी की है. कुछ जानकार कहते हैं कि सोलर अलायंस के लिये अभी न तो कोई फंड तैयार हुआ है और न ही ये स्पष्ट है कि सोलर अलायंस अपने मकसद को कैसे हासिल करेगा.
चीन और जर्मनी जैसे बड़े देश अभी इसका हिस्सा नहीं बने हैं और अमेरिका ने तो इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है जिसके बाद इस अलायंस के भविष्य को लेकर भी कई शंकाएं हैं. जानकारों के मुताबिक जब तक बड़े विकासशील देश इसका हिस्सा नहीं बनेंगे तब तक पैसे और फाइनेंस की दिक्कत बनी रहेगी क्योंकि बहुत सारे गरीब देश तो इस अलायंस में सिर्फ मदद की आस लेकर आ रहे हैं.
पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने मोरक्को में एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा,"हमें टेक्नोलॉजी भी चाहिये और रिसर्च भी करनी होगी जिसके लिये पैसे की ज़रूरत होगी लेकिन हम चल पड़े हैं और रास्ता अपने आप बनता चला जायेगा. फाइनेंस को लेकर भारत ने अपनी पहल की है और सस्ती अच्छी और प्रभावी टेक्नोलॉजी लाने की कोशिश करेंगे."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मोरक्को जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, माराकेश, सोलर अलायंस, जलवायु परिवर्तन, Morocco Global Change Conference, Marakesh, Solar Alliance, Climate Change, NDTVInMorocco