दार्जिलिंग:
गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग इलाके में कई दिनों से जारी अनिश्चितकलीन बंद में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के बाद से चार दिन की राहत दिए जाने का ऐलान किया। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने प्रदर्शनकारियों और जीजेएम के शीर्ष नेताओं की धरपकड़ और गिरफ्तारियां जारी रखी हैं।
सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में जीजेएम के उपाध्यक्ष और महिला शाखा की एक नेता शामिल हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाके दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद सोमवार को 10वें दिन भी जारी रहा।
इससे पहले जीजेएम ने स्वतंत्रता दिवस पर एक दिन के लिए बंद न करने के लिए कहा था, लेकिन सोमवार को उसने बंद में इस छूट को 18 अगस्त तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया। हालांकि उसने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वे मंगलवार के बाद से इलाके में नागरिकों की तरफ से दो दिन के 'कर्फ्यू' का आह्वान करेंगे।
जीजेएम ने दार्जिलिंग में जो सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, उसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित आठ दलों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि अलग राज्य को समर्थन देने के लिए सभी एक मंच पर आएंगे। बैठक में हिस्सा लेने वाले दलों में कुछ क्षेत्रीय दल भी थे।
जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने कहा, "सर्वदलीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद बंद में राहत की घोषणा की गई। जीजेएम अकेला नहीं है.. गोरखालैंड के लिए हमारे साथ आठ बड़े दल संघर्ष कर रहे हैं।"
जीजेएम द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक का, हालांकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, प्रमुख विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने बहिष्कार किया।
कलीमपोंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोंगमित लेपचा ने कहा कि जीजेएम उपाध्यक्ष कल्याण दीवान को दंगों और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के कुछ पुराने मामलों में कलीमपोंग से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कहा कि जीजेएम की नारी मोर्चा की नेता गीता क्षेत्री को भी कुछ पुराने मामलों में शामिल होने के कारण दार्जिलिंग से हिरासत में ले लिया गया है।
इसके अलावा जीजेएम के दो अन्य नेताओं समीर तिरुआ और सचिन तमांग को भी गिरफ्तार किया गया।
दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कुर्सियांग से अब तक पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने जीजेएम के करीब 220 नेताओं को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि जीजेएम ने गोरखालैंड की मांग को तेज करने के लिए पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में तीन अगस्त से ही अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में जबरन बंद किए जाने को रोकने का निर्देश दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को जीजेएम को बंद वापस बुलाने के लिए 72 घंटों का अल्टीमेटम दिया था।
दूसरी तरफ जीजेएम ने रविवार को कहा कि बनर्जी द्वारा दिया गया 72 घंटों का अल्टीमेटम न तो पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से आया था और न ही न्यायालय ने ऐसी कोई समयसीमा तय की थी, इसलिए जीजेएम न्यायालय के आदेश की अवहेलना किए बगैर सोमवार को भी दार्जिलिंग में बंद जारी रखेगा।
सोमवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में जीजेएम के उपाध्यक्ष और महिला शाखा की एक नेता शामिल हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाके दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद सोमवार को 10वें दिन भी जारी रहा।
इससे पहले जीजेएम ने स्वतंत्रता दिवस पर एक दिन के लिए बंद न करने के लिए कहा था, लेकिन सोमवार को उसने बंद में इस छूट को 18 अगस्त तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया। हालांकि उसने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वे मंगलवार के बाद से इलाके में नागरिकों की तरफ से दो दिन के 'कर्फ्यू' का आह्वान करेंगे।
जीजेएम ने दार्जिलिंग में जो सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, उसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित आठ दलों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि अलग राज्य को समर्थन देने के लिए सभी एक मंच पर आएंगे। बैठक में हिस्सा लेने वाले दलों में कुछ क्षेत्रीय दल भी थे।
जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने कहा, "सर्वदलीय बैठक में एक प्रस्ताव पारित होने के बाद बंद में राहत की घोषणा की गई। जीजेएम अकेला नहीं है.. गोरखालैंड के लिए हमारे साथ आठ बड़े दल संघर्ष कर रहे हैं।"
जीजेएम द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक का, हालांकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, प्रमुख विपक्षी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने बहिष्कार किया।
कलीमपोंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोंगमित लेपचा ने कहा कि जीजेएम उपाध्यक्ष कल्याण दीवान को दंगों और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के कुछ पुराने मामलों में कलीमपोंग से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कहा कि जीजेएम की नारी मोर्चा की नेता गीता क्षेत्री को भी कुछ पुराने मामलों में शामिल होने के कारण दार्जिलिंग से हिरासत में ले लिया गया है।
इसके अलावा जीजेएम के दो अन्य नेताओं समीर तिरुआ और सचिन तमांग को भी गिरफ्तार किया गया।
दार्जिलिंग, कलिमपोंग और कुर्सियांग से अब तक पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने जीजेएम के करीब 220 नेताओं को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि जीजेएम ने गोरखालैंड की मांग को तेज करने के लिए पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में तीन अगस्त से ही अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा राज्य में जबरन बंद किए जाने को रोकने का निर्देश दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को जीजेएम को बंद वापस बुलाने के लिए 72 घंटों का अल्टीमेटम दिया था।
दूसरी तरफ जीजेएम ने रविवार को कहा कि बनर्जी द्वारा दिया गया 72 घंटों का अल्टीमेटम न तो पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से आया था और न ही न्यायालय ने ऐसी कोई समयसीमा तय की थी, इसलिए जीजेएम न्यायालय के आदेश की अवहेलना किए बगैर सोमवार को भी दार्जिलिंग में बंद जारी रखेगा।