गो सेवा को समर्पित जर्मनी की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग को मिला स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार

गो सेवा को समर्पित जर्मनी की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग को वर्ष 2019 का स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है. 

गो सेवा को समर्पित जर्मनी की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग को मिला स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार

फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :

गो सेवा को समर्पित जर्मनी की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग को वर्ष 2019 का स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है. यह पुरस्कार इसी साल से पूर्व सांसद और सन्यासी स्वामी ब्रह्मानंद के नाम पर उनके 125वें जयंती-वर्ष से आरम्भ हो रहा है, जिसका प्रयोजक ‘लक्ष्य' नाम का एक ग़ैर-सरकारी संगठन है. स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार अब से प्रत्येक वर्ष गो-सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले भारतीय और ग़ैर-भारतीय नागरिकों को दिया जाएगा. 

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कौन हैं फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग
वर्ष 2019 के स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार के लिए जर्मनी की फ़्रेडरिक को चुना गया है. उनके नाम का प्रस्ताव लेखक अमित राजपूत ने किया था. अवॉर्डी को पुरस्कार स्वरूप 10,000 रुपये की धनराशि और पदक प्रदान किया जाएगा. फ़्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग का जन्म 02 मार्च, 1958 को जर्मनी के बर्लिन शहर में हुआ है. साल 1978 में वह घूमने के उद्देश्य से भारत आई थीं. बाद में वह हमेशा के लिए भारत में रच-बस गयीं और ब्रज को अपनी साधना का केन्द्र बनाया.

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बीते 41 सालों से यहां रह रही हैं. पिछले 25 सालों से वह अनवरत गायों की देखभाल और उनकी सेवा के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मथुरा में कोन्हई गांव के पास ‘राधा सुरभि गोशाला' बनाई है, जहां लगातार लगभग डेढ़ हज़ार गायों की सेवा करती हैं. जिन गायों की सेवा में फ़्रेडरिक लगी हैं, वे सभी ग़ैर-उपादेय यानी कि सामान्यतः लोग जिन्हें ग़ैर-ज़रूरतमंद समझते हैं. मसलन जो दूध नहीं देतीं उन गायों का पालन-पोषण करती हैं.