यह ख़बर 07 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बदायूं के पुलिस अधीक्षक और तत्कालीन जिलाधिकारी निलम्बित

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के बदायूं में हाल में हुए बलात्कार-हत्याकांड मामले में पुलिस अधीक्षक तथा तत्कालीन जिलाधिकारी को शनिवार को निलम्बित कर दिया गया।

राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बातचीत में कहा कि बदायूं की घटना में कई तथ्य उभरकर आए हैं। अगर प्रशासन ने शुरू में ही मुस्तैदी से काम किया होता तो बेहतर होता। इस मामले में वहां के पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना को निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ भी निलम्बन की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि 27 मई को हुई इस वीभत्स घटना के वक्त मुख्य विकास अधिकारी उदयराज सिंह प्रभारी जिलाधिकारी थे। नये जिलाधिकारी ने दो दिन पहले ही काम संभाला है।

रंजन ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव दीपक सिंघल तथा पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिए गए अन्य निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि इनके तहत अब अवैध खनन पर पूर्णत: रोक लगाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि बैठक में ऐसे लोगों को दिए गए सरकारी गनर वापस लेने का फैसला किया गया है जो न तो जनप्रतिनिधि हैं, न ही उन्हें किसी श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है और न ही उन्हें जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक की सिफारिश से सुरक्षा प्राप्त हुई है।

रंजन ने बताया कि अब जिलों में अवैध खनन रोकने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस प्रमुख जिम्मेदार होंगे। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। अवैध खनन होने पर मुकदमा दर्ज करके डम्पर कब्जे में लिए जाएं। खनन माफिया को पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा। इसकी समीक्षा उनके और मुख्यमंत्री के स्तर पर होगी।

आलोक रंजन ने बताया कि गोकशी पर पूर्ण प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर छापे मारे जाएंगे। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मीडिया से प्रशासन की संवादहीनता को गम्भीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि मीडिया को घटना की पूरी सचाई बताई जाए। कोई भी घटना होते ही जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान न सिर्फ मौके पर जाकर कार्रवाई कराएं बल्कि मीडिया को सही स्थिति की जानकारी भी दें।

उन्होंने बताया कि बैठक में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को अभियान चलाकर हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा अन्य अपराधों, भूमाफिया को रोकने तथा शराब बिक्री को लेकर भी अभियान चलाया जाएगा।

रंजन ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ कोई भी अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि महिलाओं से सम्बन्धित अपराध पर तुरंत मौके पर पहुंचें। मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई करें। छोटी-छोटी घटनाएं ही बड़ा रूप लेती हैं लिहाजा उन्हें वहीं पर खत्म करने की कार्रवाई होगी।

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उन्होंने बताया कि बैठक में पुलिस के आधुनिकीकरण का फैसला भी किया गया। आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। उपनिरीक्षकों के खाली पदों पर भर्ती भी जल्द की जाएगी।