गंगा नदी के औषधीय गुणों की होगी पहचान, 4.96 करोड़ रुपये का कोष मंजूर

अभी गंगा के औषधीय गुणों का अध्ययन राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्थान (निरी) ने किया है.

गंगा नदी के औषधीय गुणों की होगी पहचान, 4.96 करोड़ रुपये का कोष मंजूर

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

पौराणिक काल से 'ब्रह्म द्रव्य' के रुप में चर्चित गंगा नदी के औषधीय गुणों एवं प्रवाह मार्ग पर जल के स्‍वरूप एवं इससे जुड़े विभिन्न कारकों एवं विशेषताओं का पता लगाने के लिए शुरू कराये गये अध्ययन का दायरा बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 4.96 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि को मंजूरी प्रदान की है. गंगा के औषधीय गुणों के बारे में पहले से ही अध्ययन चल रहा है और अब इसका दायरा बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. अभी गंगा के औषधीय गुणों का अध्ययन राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्थान (निरी) ने किया है. इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है.

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 'गंगा नदी में औषधीय गुण हैं जिसके कारण इसे 'ब्रह्म द्रव्य' कहा जाता है और जो इसे दूसरी नदियों से अलग करते हैं. यह कोई पौराणिक मान्यता का विषय नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार है. इस बारे में निरी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने कहा, 'अब हम इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं.

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मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा की स्वच्छता के संबंध में 425 करोड़ रुपये की सात परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है जो जलमल शोधन आधारभूत ढांचे के विकास, घाटों के विकास और शोध कार्य से संबंधित है.  इसके तहत बिहार में 175 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जो सुल्तानगंज, नौगछिया और मोकामा में है और उत्तर प्रदेश में 238.64 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जो उन्नाव, शुक्लागंज और रामनगर में है. अधिकारी ने बताया कि गंगा नदी पर शोध कार्य के बारे में 4.96 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि को मंजूरी प्रदान की गई है.

VIDEO: गंगा किनारे दो पुलों का उद्घाटन
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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