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This Article is From Feb 03, 2016

शवदाह गृहों में लकड़ी की जगह सीएनजी या बिजली का हो उपयोग : सुप्रीम कोर्ट

शवदाह गृहों में लकड़ी की जगह सीएनजी या बिजली का हो उपयोग : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: प्रदूषण को लेकर लगातार चिंता जता चुके सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि शवदाह गृहों को ग्रीन किया जाए, यानी पारंपरिक तरीकों को छोड़कर सीएनजी या बिजली के उपयोग को अपनाया जाए।

लकड़ी जलाने से बढ़ता है प्रदूषण
ताजमहल के आसपास के पर्यावरण को सुधारने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि सिर्फ ताजमहल के पास के शवदाह गृहों के प्रदूषण को ही नहीं बल्कि देश के दूसरे शवदाह गृहों के प्रदूषण को कम करने का काम करें। इसके लिए जरूरी है कि वह दूसरे विकल्पों पर विचार करे। पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने दिल्ली के बिजली शवदाह गृह की तर्ज पर शवों को जलाने पर विचार करने और उन्हें निशुल्क करने को कहा था, ताकि लोग लकड़ी जलाने जैसे पुराने तरीकों को छोड़ें। कोर्ट का मानना है कि लकड़ी जलाने से प्रदूषण बढ़ता है जिसे रोका जा सकता है। इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी बनारस में गंगा में शवों की वजह से होने वाले प्रदूषण पर चिंता जता चुका है और सरकार को दूसरे कदम उठाने के निर्देश दे चुका है।

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