आईएस चरमपंथियों की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सीरिया ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने की कोशिश कर रहे चार भारतीय युवकों को अपनी हिरासत में लिया है और भारतीय अधिकारियों से उनका विवरण सत्यापित करने को कहा है।
भारत की तीन दिन की यात्रा पर आए सीरिया के उप प्रधानमंत्री वालिद अल मुआउलम ने कहा कि चार युवक सीरिया में आए थे और उन्हें दमिश्क में हिरासत में लिया गया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें कब पकड़ा गया। वालिद ने संवाददाताओं से कहा, 'चार भारतीयों को दमिश्क में सीरिया की हिरासत में ले लिया गया। चार भारतीय युवा आईएसआईएस में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे और जॉर्डन से सीरिया में आ गए थे।' हालांकि उन्होंने युवकों के नाम, उन्हें कहां से पकड़ा गया और कब हिरासत में लिया गया, आदि जानकारी नहीं दी।
इस घटनाक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने से रोकने के प्रयास कर रहा है। पिछले साल दिसंबर में पुलिस ने नागपुर हवाईअड्डे से तीन युवकों को गिरफ्तार किया था जो आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ने की फिराक में थे।
सीरिया के विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी निभा रहे वालिद ने उन 39 भारतीयों की रिहाई में मदद में असमर्थता जताई, जिन्हें जून 2014 में इराक के शहर मोसुल में आईएसआईएस आतंकवादियों ने बंधक बनाया था। वालिद ने कहा, 'अगर वे इराकी बल की हिरासत में होते तो मैं उनकी रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास करता, लेकिन अगर वे अब भी आईएसआईएस के बंधक हैं तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
भारत की तीन दिन की यात्रा पर आए सीरिया के उप प्रधानमंत्री वालिद अल मुआउलम ने कहा कि चार युवक सीरिया में आए थे और उन्हें दमिश्क में हिरासत में लिया गया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें कब पकड़ा गया। वालिद ने संवाददाताओं से कहा, 'चार भारतीयों को दमिश्क में सीरिया की हिरासत में ले लिया गया। चार भारतीय युवा आईएसआईएस में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे और जॉर्डन से सीरिया में आ गए थे।' हालांकि उन्होंने युवकों के नाम, उन्हें कहां से पकड़ा गया और कब हिरासत में लिया गया, आदि जानकारी नहीं दी।
इस घटनाक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भारत युवाओं को आतंकवादी संगठनों में शामिल होने से रोकने के प्रयास कर रहा है। पिछले साल दिसंबर में पुलिस ने नागपुर हवाईअड्डे से तीन युवकों को गिरफ्तार किया था जो आईएसआईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ने की फिराक में थे।
सीरिया के विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी निभा रहे वालिद ने उन 39 भारतीयों की रिहाई में मदद में असमर्थता जताई, जिन्हें जून 2014 में इराक के शहर मोसुल में आईएसआईएस आतंकवादियों ने बंधक बनाया था। वालिद ने कहा, 'अगर वे इराकी बल की हिरासत में होते तो मैं उनकी रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास करता, लेकिन अगर वे अब भी आईएसआईएस के बंधक हैं तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
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