
पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग (Subhash Chandra Garg) ने शनिवार को नया खुलासा किया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) के साथ उनके अच्छे संबंध नहीं थे. इस कारण साल पहले उन्होंने समय से अपने पद से इस्तीफा देते हुए वीआरएस ले लिया था.
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गर्ग को जुलाई 2019 में वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किया गया था. इसके बाद उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया था और उन्हें 31 अक्टूबर 2019 को कार्यमुक्त कर दिया गया. गर्ग ने एक ब्लॉग में लिखा, ‘सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के एक महीने के भीतर ही जून 2019 में वित्त मंत्रालय से उनके स्थानांतरण पर जोर देना शुरू कर दिया.' सामान्य स्थिति में उनका सेवाकाल 31 अक्टूबर 2020 को समाप्त होता.
उन्होंने बताया कि नई वित्त मंत्री के साथ मेरे अच्छे और परिणामदायक संबंध नहीं थे. लेकिन वह वित्त मंत्रालय के बाहर कहीं काम करना नहीं चाहते थे.सीतारमण 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद वित्त मंत्री बनी थीं. इससे पहले वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के साथ गर्ग के अच्छे संबंध थे, गर्ग ने अपने ब्लॉग में उनकी तारीफ भी की है. गर्ग ने ब्लॉग में लिखा, ‘यह बहुत पहले ही साफ हो गया कि उसके साथ काम करना काफी मुश्किल होने वाला था... वह मेरे प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त थीं. वह मेरे साथ काम करने में सहज नहीं थीं. जल्द ही हमारे व्यक्तिगत संबंधों में खटास आ गई, और साथ ही आधिकारिक कामकाजी संबंध भी काफी अनुत्पादक हो गए'
गर्ग ने आगे कहा कि आरबीआई के आर्थिक पूंजीगत ढांचे, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की समस्याओं के समाधान के लिए पैकेज, आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना और गैर बैंकों के पूंजीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके साथ गंभीर मतभेद भी सामने आने लगे. गर्ग ने कहा कि उन्होंने काफी पहले ही वीआरएस लेकर सरकार के बाहर व्यापक आर्थिक सुधार के लिए काम करने का फैसला कर लिया था. हालांकि वह पांच जुलाई 2019 को पेश किए जाने वाले आम बजट की तैयारियों तक रुके रहे.
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