चंडीगढ़:
पिछले सप्ताह के अंत में पठानकोट स्थित एयरफोर्स बेस पर हुए खतरनाक आतंकवादी हमले के सिलसिले में कई बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने NDTV को बताया है कि मामले में ज़िम्मेदारी विस्तृत जांच के बाद तय की जाएगी।
बेस पर पूरी तरह नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए अभियान फिलहाल चौथे दिन भी जारी है। शनिवार तड़के छह आतंकवादियों के गुट ने बेस पर हमला किया था, और माना जा रहा है कि वे पाकिस्तान से आए थे। सुरक्षाबलों ने सभी को मार गिराया है, लेकिन कहा जा रहा है कि छठे आतंकवादी का शव मिलना फिलहाल शेष है।
पाकिस्तानी सीमा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बने एयरफोर्स बेस पर हुए हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए तथा 20 लोग घायल हुए।
सरकार का मानना है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी के बीच की रात को सीमापार से छह आतंकवादियों का भारत में घुस आना भारी सुरक्षा चूक है। इसके बाद 1 जनवरी को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कार को सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों द्वारा हाईजैक कर लिए जाने का अलर्ट मिलने के बावजूद पठानकोट एयरफोर्स बेस का सुरक्षा घेरा काफी आसानी से तोड़ दिया गया।
समाचार एजेंसी रॉयटर को सूत्रों ने बताया, दरअसल पुलिस सुपरिन्टेंडेंट सलविंदर सिंह ने अपनी कार के हाईजैक हो जाने के बाद शुक्रवार सुबह ही अपने एक सहयोगी को जो फोन कॉल की थी, उसे शुरू में लूट का मामला समझा गया था। बाद में सलविंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें अगवा करने वाले लोगों के पास एके-47 राइफलें थीं।
गृहसचिव राजीव महर्षि ने बताया कि हमलावरों की पठानकोट में मौजूदगी शुक्रवार दोपहर तक जाकर स्पष्ट हुई, जब सलविंदर की कार को अगवा हुए 12 घंट से ज़्यादा का वक्त बीत चुका था।
बहरहाल, नागरिक प्रशासन तथा सैन्य अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा अलर्ट तुरंत ही भेज दिया गया था, ताकि आतंकवादी लड़ाकू विमानों या हेलीकॉप्टरों को नुकसान न पहुंचा सकें।
एसपी सलविंदर सिंह की कार को आतंकवादियों ने बेस से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर छोड़ दिया था, और बेस के अंदर घुस जाने के बाद वे गार्डों की मेस में पहुंचकर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे।
सरकार और खुफिया एजेंसिंयों को सबसे ज़्यादा चिंता इस बात से है कि एसपी की कार अगवा हो जाने के बाद अलर्ट भेज दिए जाने के बावजूद आतंकवादी पठानकोट एयरफोर्स बेस में घुसने में कामयाब हो गए, जबकि सुरक्षा इंतज़ामात को शुक्रवार आधी रात से बढ़ाया गया।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बेस की एक बड़ी कमज़ोरी इसकी 24 किलोमीटर की परिधि हो सकती है, जिसकी कांटेदार तार लगी 10-फुट ऊंची दीवार पर हर वक्त हर जगह निगरानी रखना आसान नहीं है। विश्लेषकों तथा अधिकारियों का कहना है कि हमलावर गुटों में आए हो सकते हैं, जिनमें से एक गुट ने एसपी की कार को अगवा किया, और दो अन्य आतंकवादी अलग से बेस में घुसे।
बेस पर पूरी तरह नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए अभियान फिलहाल चौथे दिन भी जारी है। शनिवार तड़के छह आतंकवादियों के गुट ने बेस पर हमला किया था, और माना जा रहा है कि वे पाकिस्तान से आए थे। सुरक्षाबलों ने सभी को मार गिराया है, लेकिन कहा जा रहा है कि छठे आतंकवादी का शव मिलना फिलहाल शेष है।
पाकिस्तानी सीमा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बने एयरफोर्स बेस पर हुए हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए तथा 20 लोग घायल हुए।
सरकार का मानना है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी के बीच की रात को सीमापार से छह आतंकवादियों का भारत में घुस आना भारी सुरक्षा चूक है। इसके बाद 1 जनवरी को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कार को सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों द्वारा हाईजैक कर लिए जाने का अलर्ट मिलने के बावजूद पठानकोट एयरफोर्स बेस का सुरक्षा घेरा काफी आसानी से तोड़ दिया गया।
समाचार एजेंसी रॉयटर को सूत्रों ने बताया, दरअसल पुलिस सुपरिन्टेंडेंट सलविंदर सिंह ने अपनी कार के हाईजैक हो जाने के बाद शुक्रवार सुबह ही अपने एक सहयोगी को जो फोन कॉल की थी, उसे शुरू में लूट का मामला समझा गया था। बाद में सलविंदर सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें अगवा करने वाले लोगों के पास एके-47 राइफलें थीं।
गृहसचिव राजीव महर्षि ने बताया कि हमलावरों की पठानकोट में मौजूदगी शुक्रवार दोपहर तक जाकर स्पष्ट हुई, जब सलविंदर की कार को अगवा हुए 12 घंट से ज़्यादा का वक्त बीत चुका था।
बहरहाल, नागरिक प्रशासन तथा सैन्य अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा अलर्ट तुरंत ही भेज दिया गया था, ताकि आतंकवादी लड़ाकू विमानों या हेलीकॉप्टरों को नुकसान न पहुंचा सकें।
एसपी सलविंदर सिंह की कार को आतंकवादियों ने बेस से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर छोड़ दिया था, और बेस के अंदर घुस जाने के बाद वे गार्डों की मेस में पहुंचकर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे।
सरकार और खुफिया एजेंसिंयों को सबसे ज़्यादा चिंता इस बात से है कि एसपी की कार अगवा हो जाने के बाद अलर्ट भेज दिए जाने के बावजूद आतंकवादी पठानकोट एयरफोर्स बेस में घुसने में कामयाब हो गए, जबकि सुरक्षा इंतज़ामात को शुक्रवार आधी रात से बढ़ाया गया।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बेस की एक बड़ी कमज़ोरी इसकी 24 किलोमीटर की परिधि हो सकती है, जिसकी कांटेदार तार लगी 10-फुट ऊंची दीवार पर हर वक्त हर जगह निगरानी रखना आसान नहीं है। विश्लेषकों तथा अधिकारियों का कहना है कि हमलावर गुटों में आए हो सकते हैं, जिनमें से एक गुट ने एसपी की कार को अगवा किया, और दो अन्य आतंकवादी अलग से बेस में घुसे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं