यह ख़बर 20 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस का आरोप, खाद्य सुरक्षा बिल में देरी की वजह नरेंद्र मोदी

खाद्य सुरक्षा योजना के शुभारंभ के मौके पर सोनिया गांधी

खास बातें

  • थॉमस ने कहा, 'पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी का खत मिला, आखिर उसका मकसद क्या था। मकसद था देरी करवाना। मोदी जो अपने को देश का अगला प्रधानमंत्री बता रहे हैं, देश की जनता को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।'
नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में आज से खाद्य सुरक्षा योजना लागू हो गई है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज तालकटोरा स्टेडियम में इस स्कीम को लॉन्च किया। दिल्ली इस महत्वकांक्षी परियोजना को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

इस मौके पर केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने खाद्य सुरक्षा बिल के पास होने में देरी का कारण नरेंद्र मोदी को बताया। उन्होंने कहा, 'पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी का खत मिला, आखिर उसका मकसद क्या था। मकसद था देरी करवाना। मोदी जो अपने को देश का अगला प्रधानमंत्री बता रहे हैं, देश की जनता को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।'

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने केंद्र को एक चिट्ठी लिखकर पांच बिंदुओं पर अपना विरोध दर्ज कराया है। बीजेपी का कहना है कि वह बिल के विरोध में नहीं है, लेकिन कुछ बदलावों के साथ वह बिल का समर्थन करती है। बीजेपी ने आज सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था पर सब्सिडी का बोझ बढ़ाने का भी आरोप लगाया।

दिल्ली में आरंभ की गई इस योजना के तहत एक रुपये किलो मोटा आनाज, दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मुताबिक, राजधानी के करीब साढ़े 73 लाख लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

शीला दीक्षित ने कहा कि इस स्कीम को लागू करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से मंजूरी ले ली है और जब तक संसद में फूड सिक्योरिटी बिल पास नहीं हो जाता, तब तक अध्यादेश के जरिये इस योजना को लागू किया जा रहा है।

वैसे, इस मौके पर बीजेपी के नेता प्याज की बढ़ी कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन करते दिखे। तालकटोरा स्टेडियम में पुलिस ने उन्हें रोका। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछारें भी डाली गईं।

इसके साथ ही हरियाणा सरकार की ओर से भी आज राज्य के गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा स्कीम की शुरुआत हुई। इस स्कीम की शुरुआत राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पानीपत में एक रैली के दौरान की।

हरियाणा सरकार इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश में है। हुड्डा की पानीपत में होने वाली रैली को बीरेंद्र सिंह की आज जींद में हो रही रैली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।

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बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा से इस योजना की घोषणा जींद रैली में करने की सिफारिश की थी और इस रैली में सोनिया गांधी के आने की भी संभावना थी, लेकिन हुड्डा ने स्कीम की घोषणा के लिए अलग मंच को चुना ऐसे में इसे बीरेंद्र की रैली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।