खाद्य मंत्री रामविलास पासवान
नई दिल्ली:
प्याज की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रही हैं। सोमवार को खाद्य और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा के बाद खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा, 'प्याज का मेन प्रोब्लम यह है कि 2014-15 में करीब 5 लाख टन पैदावार कम हुई, इससे बाज़ार में पैनिक हुआ और होर्डिंग शुरू हुई।'
प्याज बाजार में कई बार की दखलंदाजी के बावजूद कीमतों पर काबू पाने में मिली नाकामी के लिए खाद्य मंत्री ने राज्यों को जिम्मेदार बताया। पासवान ने आरोप लगाया कि जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार तत्पर नहीं हैं।
उधर खाद्य मंत्रालय में दो दौर की हाई-लेवेल मीटिंग के बाद यह तय किया गया है कि उपभोक्ता और कृषि विभाग के अधिकारी दिल्ली में उन जगहों का निरीक्षण करेंगे जहां प्याज बिक रहा है। साथ ही, केन्द्र सरकार के अधिकारी प्याज की कीमत, क्वालिटी और स्टॉक की जांच करेंगे, जबकि आयात की ताजा खेप 10 सितंबर तक बाजार में पहुंचने की उम्मीद है।
उधर मंडियों में व्यापारी तनाव में हैं कि महंगे होते प्याज की बिक्री घटती जा रही है। ऐसे में कारोबार करना मुश्किल होता जा रहा है। ओखला मंडी में प्याज व्यापारी, राशिद ने एनडीटीवी से कहा, 'हमारा माल कम बिक रहा है, क्योंकि प्याज महंगी होने की वजह से लोग आज-कल इसे कम खरीद रहे हैं। इससे हमारे बिजनेस पर बुरा असर पड़ रहा है।' प्याज व्यापारी इस्माइल बाबा दावा करते हैं, 'महंगाई मंडी में नहीं, महंगाई खुदरा वालों ने कर रखी है।'
अब इंतजार 27 अगस्त का है जब 10,000 टन प्याज के आयात के लिए टेंडर खुलेंगे। संकेत यह भी हैं कि जरूरत पड़ने पर सरकार और आयात कर सकती है।
प्याज बाजार में कई बार की दखलंदाजी के बावजूद कीमतों पर काबू पाने में मिली नाकामी के लिए खाद्य मंत्री ने राज्यों को जिम्मेदार बताया। पासवान ने आरोप लगाया कि जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार तत्पर नहीं हैं।
उधर खाद्य मंत्रालय में दो दौर की हाई-लेवेल मीटिंग के बाद यह तय किया गया है कि उपभोक्ता और कृषि विभाग के अधिकारी दिल्ली में उन जगहों का निरीक्षण करेंगे जहां प्याज बिक रहा है। साथ ही, केन्द्र सरकार के अधिकारी प्याज की कीमत, क्वालिटी और स्टॉक की जांच करेंगे, जबकि आयात की ताजा खेप 10 सितंबर तक बाजार में पहुंचने की उम्मीद है।
उधर मंडियों में व्यापारी तनाव में हैं कि महंगे होते प्याज की बिक्री घटती जा रही है। ऐसे में कारोबार करना मुश्किल होता जा रहा है। ओखला मंडी में प्याज व्यापारी, राशिद ने एनडीटीवी से कहा, 'हमारा माल कम बिक रहा है, क्योंकि प्याज महंगी होने की वजह से लोग आज-कल इसे कम खरीद रहे हैं। इससे हमारे बिजनेस पर बुरा असर पड़ रहा है।' प्याज व्यापारी इस्माइल बाबा दावा करते हैं, 'महंगाई मंडी में नहीं, महंगाई खुदरा वालों ने कर रखी है।'
अब इंतजार 27 अगस्त का है जब 10,000 टन प्याज के आयात के लिए टेंडर खुलेंगे। संकेत यह भी हैं कि जरूरत पड़ने पर सरकार और आयात कर सकती है।
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