नई दिल्ली:
बहु ब्रांड खुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले को वापस लेने की जोरदार वकालत करते हुए समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने सरकार को आगाह किया कि यदि उसने कदम पीछे नहीं खींचे तो उसे आगामी आम चुनाव में भारी नुकसान होगा और भाजपा सत्ता में आ जाएगी।
सिंह ने इसके साथ ही इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर देश के विकास के लिए ठोस ढांचा तैयार किए जाने की वकालत की।
एफडीआई का कड़ा और स्पष्ट विरोध करते हुए मुलायम ने भावी चुनावी समीकरणों का संकेत देते हुए कहा कि वह या तो कांग्रेस को समर्थन देंगे या फिर समर्थन लेंगे।
मुलायम ने एफडीआई की पृष्ठभूमि में आगामी आम चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को आगाह करते हुए कहा, ‘चुनाव आ रहा है। भाजपा के लोग बहुत चालाक हैं। गांव गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फैला हुआ है। कांग्रेस को चुनाव की दृष्टि से भी कोई लाभ नहीं होगा। भाजपा सत्ता में आ जाएगी। हम तो आने वाले नहीं हैं। हम तो सहयोग देंगे या लेंगे।’ उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एफडीआई के फैसले को कुछ समय के लिए टालने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर फायदा मिलता दिखेगा तो हम भी समर्थन कर देंगे लेकिन अभी इसे छोड़ दीजिए।
मुलायम ने पार्टी लाइन से हटकर एफडीआई पर मत विभाजन की पुरजोर वकालत करते हुए कहा, ‘पार्टी का अंकुश हटाओ, देशहित में काम करेा।’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘हम छोटे दल हैं। यह सब नूरा कुश्ती है। हम तो 273 नहीं जीत सकते। सत्ता में नहीं आ सकते। आना तो कांग्रेस को है या भाजपा को।’
सिंह ने इसके साथ ही इस मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर देश के विकास के लिए ठोस ढांचा तैयार किए जाने की वकालत की।
एफडीआई का कड़ा और स्पष्ट विरोध करते हुए मुलायम ने भावी चुनावी समीकरणों का संकेत देते हुए कहा कि वह या तो कांग्रेस को समर्थन देंगे या फिर समर्थन लेंगे।
मुलायम ने एफडीआई की पृष्ठभूमि में आगामी आम चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को आगाह करते हुए कहा, ‘चुनाव आ रहा है। भाजपा के लोग बहुत चालाक हैं। गांव गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फैला हुआ है। कांग्रेस को चुनाव की दृष्टि से भी कोई लाभ नहीं होगा। भाजपा सत्ता में आ जाएगी। हम तो आने वाले नहीं हैं। हम तो सहयोग देंगे या लेंगे।’ उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एफडीआई के फैसले को कुछ समय के लिए टालने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर फायदा मिलता दिखेगा तो हम भी समर्थन कर देंगे लेकिन अभी इसे छोड़ दीजिए।
मुलायम ने पार्टी लाइन से हटकर एफडीआई पर मत विभाजन की पुरजोर वकालत करते हुए कहा, ‘पार्टी का अंकुश हटाओ, देशहित में काम करेा।’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘हम छोटे दल हैं। यह सब नूरा कुश्ती है। हम तो 273 नहीं जीत सकते। सत्ता में नहीं आ सकते। आना तो कांग्रेस को है या भाजपा को।’