महबूबा की अरुण जेटली के साथ मुलाकात, लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास- फारुख अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर की विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारुख अब्दुल्ला ने राज्य के हस्तशिल्प, मेवों और पर्यटन उद्योग को जीएसटी से छूट दिये जाने की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मांग को लेकर उनकी कड़ी आलोचना की है.

महबूबा की अरुण जेटली के साथ मुलाकात, लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास- फारुख अब्दुल्ला

जीएसटी से छूट की महबूबा मुफ्ती की मांग को लेकर फारुख अब्दुल्ला ने कड़ी आलोचना की है

खास बातें

  • महबूबा ने की मेवे, पर्यटन उद्योग को GST से मुक्त रखने की मांग
  • राज्य सरकार ने हाल ही में जीएसटी विधेयक को मंजूर दी थी
  • मुफ्ती सरकार गूंगी-बहरी सरकार- सांसद फारुख अब्दुल्ला
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर की विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के सांसद  फारुख अब्दुल्ला  ने राज्य के हस्तशिल्प, मेवों और पर्यटन उद्योग को जीएसटी से छूट दिये जाने की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मांग को लेकर उनकी कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर महबूबा की वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात करना कश्मीर के लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है.

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श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला ने गंदेरबल में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि या तो महबूबा मुफ्ती ने राज्य केबिनेट की बैठक में जीएसटी विधेयक को मंजूरी देने से पहले उसे देखा तक नहीं है और या फिर वह साफ तौर पर कश्मीरियों को धोखे में रख रही हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनकी समझ से परे है कि एक विधेयक जिसे राज्य सरकार ने हाल ही में पारित किया है, अब उसी मुद्दे पर सरकार को लोगों से बातचीत करनी पड़ रही है.

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अब्दुल्ला ने कहा कि जब पूरा राज्य खासतौर से राज्य का व्यापारिक समुदाय जीएसटी को लेकर चिंतित था कि यह व्यवस्था छोटे और मझोले उद्योगों के लिये ठीक नहीं होगी तब मुख्यमंत्री इस कानून की सबसे बड़ी समर्थक थी. उन्होंने राज्य की मुफ्ती सरकार को गूंगी-बहरी सरकार बताते हुये कहा कि यह सरकार विशेषतौर से व्यापारिक समुदाय और राज्य की जनता की जरूरत और उनकी आकांक्षाओं से अनभिज्ञ है.

VIDEO: छोटे उद्योगों पर जीएसटी का बुरा असर अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू किये जाने के अपने रुख को दोहराते हुये कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं किया जाता तब तक राज्य में शांति मुश्किल है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को पूर्वप्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों पर चलना चाहिये जो कि बातचीत के पक्षधर थे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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