जंतर-मंतर पर किसानों ने शुरू की समानांतर संसद, योगेंद्र यादव बोले- ढाई घंटे तक पुलिस ने भटकाया

तीन कृषि कानूनों पर पिछले करीब आठ महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों का जत्था आज विरोध-प्रदर्शन करने के लिए जंतर-मंतर पर पहुंच चुका है. ये किसान वहां कृषि कानूनों के खिलाफ समानांतर संसद चलाएंगे और सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली के उप राज्यपाल ने हर दिन 200 किसानों को जंतर-मंतर पर जाने की इजाजत दी है.

नई दिल्ली: प्रदर्शनकारी किसानों ने जंतर-मंतर के पास किसान संसद शुरू कर दी है. हनन मुल्ला को स्पीकर और मनजीत सिंह को डिप्टी स्पीकर बनाया गया है. किसान नेता योगेंद्र यादव ने NDTV को बताया कि सभी किसान बारी-बारी से अपनी बात किसान संसद में रख रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहुंचने में देरी करा दी और किसानों को 2.5 घंटे तक घुमाती रही. उन्होंने बताया कि आज शाम पांच बजे तक किसानों की संसद चलेगी. राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पर हैं. ये किसान आज (गुरूवार, 22 जुलाई) से रोजाना संसद मार्च करेंगे और वहां किसान संसद लगाएंगे.किसानों के समर्थन में कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. इससे पहले रास्ते में पुलिस बस में बैठे किसानों को गिनना चाह रही थी, इस मुद्दे पर किसानों का पुलिस से टकराव हो गया था.. पुलिस इसके बाद सभी किसानों को एक रिजॉर्ट्स के अंदर लेकर गई थी, ताकि उनकी गिनती की जा सके. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर पहुंचने वाले हर किसान के पास पहचान पत्र होगा, जिसे चेक करने के बाद ही वहां जाने की अनुमति दी जाएगी. किसानों को यह पहचान पत्र संयुक्त किसान मोर्चा दे रहा है. 

  2. पुलिस ने जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. वहां दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 5-5 कंपनियाँ तैनात की गई हैं. पूरी दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है. जंतर-मंतर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा और दिल्ली पुलिस के समन्वय से होगा.

  3. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि संसद का मानसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध-प्रदर्शन भी 13 अगस्त तक जारी रहेगा. हालांकि उपराज्यपाल ने 9 अगस्त तक ही धरने की अनुमति दी है. इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान यूनियनों को शहर में अनुमति दी है.

  4. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, उपराज्यपाल अनिल बैजल, जो डीडीएमए के अध्यक्ष भी हैं, ने 22 जुलाई से 9 अगस्त तक हर दिन अधिकतम 200 किसानों द्वारा सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की मंजूरी दी है. आदेश में कहा गया है, ‘‘उन्हें निर्दिष्ट बसों द्वारा पुलिस एस्कॉर्ट के तहत निर्धारित मार्ग से लाया जाएगा तथा उन्हें कोविड-उपयुक्त व्यवहार (मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइटर आदि का उपयोग करना) और भारत सरकार और एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा समय-समय पर कोविड​​​​-19 महामारी के संबंध में जारी अन्य सभी दिशानिर्देशों / निर्देशों / एसओपी का सख्त अनुपालन करना होगा.''

  5. सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे.डीडीएमए के एक आदेश के तहत राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने की वर्तमान में अनुमति नहीं है. 

  6. देशभर के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं, उनका दावा है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर देगा और उन्हें बड़े कार्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ देगा.

  7. सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के तौर पर पेश कर रही है. किसान यूनियनों की सरकार के साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है लेकिन यह दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है. एसकेएम ने शुरू में प्रस्ताव दिया था कि विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान संसद से कुछ मीटर की दूरी पर जंतर-मंतर पर हर दिन ''किसान संसद'' आयोजित करेंगे.

  8. मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, एक किसान यूनियन के नेता ने कहा कि वे कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा. किसान यूनियन के नेता ने कहा था, ‘‘हम 22 जुलाई से मॉनसून सत्र समाप्त होने तक ''किसान संसद'' आयोजित करेंगे और 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर-मंतर जाएंगे. प्रत्येक दिन एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा.''

  9. किसान नेता ने कहा, ‘‘पहले दो दिनों में एपीएमसी अधिनियम पर चर्चा होगी. बाद में अन्य विधेयकों पर भी हर दो दिन में चर्चा होगी.''राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने बताया प्रत्येक दिन किसान पहचान पत्र लगाकर सिंघू सीमा से जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने के लिए जाएंगे.

  10. गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांगों को उजागर करने के लिये 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई थी, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिये थे, पुलिस से भिड़ गए थे और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहराया था.