केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है. नए कानूनों पर गतिरोध के बीच किसान संगठनों ने केंद्र के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि आजकल लेटर डिप्लोमेसी (Letter Diplomacy) चल रही है. हमें वक्त लगता है क्योंकि हम सब प्रजातंत्रिक तरीक़े से करते हैं. हमने बातचीत करके तय किया है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हमने विवेक बंसल जो संयुक्त सचिव है कृषि मंत्रालय के उनको पत्र लिखकर जवाब भेज दिया है.
उन्होंने कहा कि हमने पहली बैठक से MSP का मुद्दा उठाया है, लेकिन सरकार ऐसे दिखाती है कि हम पहली बार MSP का मुद्दा उठा रहे हैं. सरकार ग़लतबयानी न करे. किसानों के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार बंद किया जाए. अगली बैठक 29/12/2020 मंगलवार सुबह 11 बजे है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने बातचीत के लिए चार एजेंडा तैयार किया है. पहला- तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि; दूसरा- सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान; तीसरा- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन; चौथा- किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में ज़रूरी बदलाव.
किसानों ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकारा, 29 दिसंबर को बैठक के लिए तैयार
डॉक्टर दर्शनपाल ने कहा, "27 और 28 को गुरु गोविंद सिंह के बेटे की शहीदी दिवस मनाएंगे और 29 को हम बातचीत के लिए जाएंगे. 30 तारीख़ को हमारे किसान ट्रैक्टर से सिंघु से लेकर टीकरी और शाहजहांपुर तक मार्च करेंगे. 31 और 1 तारीख़ को हम सबको आमंत्रित कर रहे हैं कि सिंघु आएं और हमारे साथ लंगर खाकर नया साल मनाएं."
किसानों और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं. हाल ही में एक बार फिर सरकार ने किसानों को पत्र लिखकर बातचीत के लिए आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया है. इसी प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की महत्वपूर्ण बैठक हुई.
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