'मन की बात' में पीएम मोदी ने छात्रों से कहा - विफलता को भी अवसर मानें

नई दिल्ली:

10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा में सफल छात्रों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिंदगी में सफलता और विफलता स्वाभाविक है और जो विफलता को एक अवसर मानते हैं, वो सफलता का शिलान्यास भी करते हैं तथा इससे भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।

आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, कुछ छात्र अच्छे अंक से पास हुए होंगे, कुछ को कम अंक आए होंगे। कुछ विफल भी हुए होंगे। जो उत्तीर्ण हुए हैं, उनके लिए मेरा सुझाव है कि आप उस मोड़ पर हैं, जहां से अब आपको तय करना है, आगे का रास्ता कौन सा होगा।

उन्होंने कहा, जो विफल हुए हैं, उनसे मैं यही कहूंगा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है। जो विफलता को एक अवसर मानता है, वो सफलता का शिलान्यास भी करता है। हम विफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ज्यादातर विद्यार्थियों को पता भी नहीं होता है, क्या पाना है, क्यों पाना है, लक्ष्य क्या है। विषयों और अवसरों की सीमाएं नहीं हैं। आप अपनी रुचि, प्रकृति, प्रवृत्ति के हिसाब से रास्ता चुनिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उत्तम शिक्षकों, उत्तम सैनिकों, उत्तम वैज्ञानिकों, कलाकार और संगीतकारों की आवश्यकता है। खेलकूद कितना बड़ा क्षेत्र है, खेलकूद जगत के लिए कितने उत्तम मानव संसाधन की आवश्यकता होती है। यानि इतने सारे क्षेत्र हैं। विश्व में जितने म्यूजियम बनते हैं, उसकी तुलना में भारत में म्यूजियम बहुत कम बनते हैं। कभी-कभी इस म्यूजियम के लिए योग्य व्यक्तियों को ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की किताब 'माई जर्नी ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शन' के एक प्रसंग का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसमें कलाम ने कहा है कि उन्हें पायलट बनने की इच्छा थी, लेकिन जब वह पायलट बनने गए तो विफल हो गए।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा कि उनका पास नहीं होना भी कितना बड़ा अवसर बन गया। वो देश के महान वैज्ञानिक बन गए, राष्ट्रपति बने। देश की आण्विक शक्ति के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान रहा, इसलिए विफलता भी एक अवसर होती है।