नई दिल्ली:
रक्षा मंत्रालय ने अगस्तावेस्टलैंड से उसके उन सॉप्टवेयर कंपनियों के साथ संबंध को लेकर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है जिनकी आड़ लेकर हेलीकॉप्टर समझौते में कथित रिश्वत दी गई थी।
सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने इस आंग्ल-इतालवी कंपनी की ओर से कारण बताओ नोटिस पर दिए जवाब को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने अगस्तावेस्टलैंड से कहा है कि वह ट्यूनिशिया और भारत स्थित कंपनियों आईडीएस इन्फोटेक तथा एयरोमैट्रिक्स के साथ लेन-देन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया कराए।
इतालवी अधिकारियों की जांच में आईडीएस इन्फोटेक और एयरोमैट्रिक्स का नाम सामने आया है। आरोप है कि 3,600 करोड़ रुपये के अतिविशिष्ट हेलीकॉप्टर सौदे में 362 करोड़ रुपये की घूस इन्हीं दो कंपनियों के जरिये दी गई।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने इस कंपनी को एक सप्ताह का समय दिया गया जिसमें उसे स्पष्टीकरण देना होगा।
इससे पहले अगस्तावेस्टलैंड ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया था, लेकिन रक्षामंत्री एके एंटनी ने कंपनी के जवाब को खारिज कर दिया।
सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने इस आंग्ल-इतालवी कंपनी की ओर से कारण बताओ नोटिस पर दिए जवाब को खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने अगस्तावेस्टलैंड से कहा है कि वह ट्यूनिशिया और भारत स्थित कंपनियों आईडीएस इन्फोटेक तथा एयरोमैट्रिक्स के साथ लेन-देन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मुहैया कराए।
इतालवी अधिकारियों की जांच में आईडीएस इन्फोटेक और एयरोमैट्रिक्स का नाम सामने आया है। आरोप है कि 3,600 करोड़ रुपये के अतिविशिष्ट हेलीकॉप्टर सौदे में 362 करोड़ रुपये की घूस इन्हीं दो कंपनियों के जरिये दी गई।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने इस कंपनी को एक सप्ताह का समय दिया गया जिसमें उसे स्पष्टीकरण देना होगा।
इससे पहले अगस्तावेस्टलैंड ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया था, लेकिन रक्षामंत्री एके एंटनी ने कंपनी के जवाब को खारिज कर दिया।
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