यह ख़बर 05 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विनोद बिन्नी ने सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) से निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किसी भ्रष्ट व्यक्ति से ‘अधिक खतरनाक’ करार देते हुए आज दिल्ली सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया।

बिन्नी ने कहा, आज मैं उप-राज्यपाल नजीब जंग को केजरीवाल सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले की जानकारी देने के लिए पत्र लिख रहा हूं। वह (केजरीवाल) सिर्फ दिल्ली के लोगों को ही झूठ बोलकर धोखा नहीं दे रहे, बल्कि सभी देशवासियों से झूठ बोल रहे हैं और उन्हें धोखा दे रहे हैं। उन्होंने हालांकि, कहा कि जनलोकपाल के मुद्दे पर वह सरकार का समर्थन करेंगे।

बिन्नी ने कहा, यदि सरकार विधानसभा में अन्ना (हजारे) का जनलोकपाल विधेयक लाती है तो मैं उसका समर्थन करूंगा। आप द्वारा निष्कासित किए जा चुके बिन्नी ने विधानसभा चुनावों से पहले किए गए वायदों को पूरा करने सहित कई मांगें दिल्ली सरकार के समक्ष रखी हैं।

अपने साथ पांच विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए बिन्नी ने रविवार को धमकी दी थी कि यदि उनकी मांगें 48 घंटे के भीतर पूरी नहीं होतीं तो वह सरकार गिरा देंगे।

उन्होंने सरकार से बिजली एवं जलक्षेत्र से जुड़े मुद्दों का समाधान करने को कहा था। उन्होंने मांग की थी की सरकार बिजली के दामों में की गई 8 प्रतिशत की वृद्धि पर लोगों को सब्सिडी प्रदान करे ।

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दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) ने इस महीने बिजली के दामों में 6 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘सरकार को महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वायदे के अनुसार, महिला दस्ते बनाने चाहिए। तय सीमा से अधिक पानी का इस्तेमाल करने पर पूरे पानी का शुल्क लेने की बजाय सिर्फ उसी पानी का शुल्क लिया जाना चाहिए, जो 700 लीटर से अतिरिक्त खर्च हुआ है। बिन्नी ने यह भी कहा था कि वह आप के दो अन्य विधायकों और निगम पाषर्दों के साथ एक राजनीतिक मोर्चा बनाएंगे हालांकि दो विधायकों इकबाल और शौकीन ने यू टर्न लेते हुए कहा कि वे अपनी धमकी पर अब अमल नहीं करेंगे। दोनों विधायकों ने कहा था कि उन्होंने केजरीवाल के साथ बैठक के बाद अपना मन बदल लिया और दावा किया कि बिन्नी भी आप सरकार से समर्थन वापस नहीं लेने पर सहमत हो गए हैं।