नई दिल्ली:
कुछ नेताओं के धार्मिक भावना को कथित तौर पर भड़काने वाले बयानों की पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग ने शनिवार को इसे गलत प्रवृत्ति करार दिया है. इसके साथ ही आयोग ने नेताओं को इससे परहेज करने को कहा.
सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने यह बात कही है. आयोग की ओर से कहा गया है कि नेताओं से चुनाव प्रचार के दौरान 'आत्म संयम' बरतें.
पत्र में कहा गया है, 'आयोग ने निराशा के साथ गौर किया है कि पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं. साथ ही चुनाव प्रचार में धर्म के घालमेल को रेखांकित करने वाले नेताओं के भड़काऊ बयान संज्ञान में आए हैं'. आयोग ने कहा कि कुछ बयान ऐसे स्थानों से दिए गए, जहां आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है.
उसने कहा है कि इस इलेक्ट्रॉनिक युग में ऐसे बयान आसानी से चुनाव वाले स्थानों पर पहुंच जाते हैं और चुनाव प्रक्रिया में दूसरे उम्मीदवारों के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं. राजनीतिक दलों और नेताओं से इस 'प्रवृत्ति को बदलने' का आग्रह करते हुए आयोग ने कहा कि इस तरह के भाषण 'गलत प्रवृत्ति' को दिखलाते हैं और ये चिंता का विषय है.
सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने यह बात कही है. आयोग की ओर से कहा गया है कि नेताओं से चुनाव प्रचार के दौरान 'आत्म संयम' बरतें.
पत्र में कहा गया है, 'आयोग ने निराशा के साथ गौर किया है कि पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं. साथ ही चुनाव प्रचार में धर्म के घालमेल को रेखांकित करने वाले नेताओं के भड़काऊ बयान संज्ञान में आए हैं'. आयोग ने कहा कि कुछ बयान ऐसे स्थानों से दिए गए, जहां आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है.
उसने कहा है कि इस इलेक्ट्रॉनिक युग में ऐसे बयान आसानी से चुनाव वाले स्थानों पर पहुंच जाते हैं और चुनाव प्रक्रिया में दूसरे उम्मीदवारों के लिए मुश्किल खड़ी करते हैं. राजनीतिक दलों और नेताओं से इस 'प्रवृत्ति को बदलने' का आग्रह करते हुए आयोग ने कहा कि इस तरह के भाषण 'गलत प्रवृत्ति' को दिखलाते हैं और ये चिंता का विषय है.
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