झारखंड और महाराष्ट्र में अपने चुनाव चिन्ह 'तीर' का प्रयोग नहीं कर पाएगी JDU, चुनाव आयोग ने लगाई रोक

चुनाव आयोग ने इससे पहले जदयू को एक नियम के तहत दो राज्यों में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ने की छूट दी थी.

झारखंड और महाराष्ट्र में अपने चुनाव चिन्ह 'तीर' का प्रयोग नहीं कर पाएगी JDU, चुनाव आयोग ने लगाई रोक

झारखंड और महाराष्ट्र में अपने चुनाव चिन्ह 'तीर' का प्रयोग नहीं कर पाएगी JDU

खास बातें

  • झारखंड और महाराष्ट्र में JDU की मुश्किलें बढ़ीं
  • अपने चुनाव चिन्ह 'तीर' का प्रयोग नहीं कर पाएगी JDU
  • चुनाव आयोग ने लगाई जेडीयू के चुनाव चिन्ह के प्रयोग पर रोक
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने जनता दल (यूनाइटेड) को अपने चुनाव चिह्न ‘तीर' का इस्तेमाल झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव में करने से रोक लगा दी है क्योंकि यह चिह्न झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और शिव सेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर' से मिलता-जुलता है. चुनाव आयोग ने इससे पहले जदयू को एक नियम के तहत दो राज्यों में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करके चुनाव लड़ने की छूट दी थी. अब यह छूट वापस ले ली गई है क्योंकि झामुमो ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था कि चुनाव चिह्नों की समानता से मतदाता भ्रमित हो सकते हैं.

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जदयू, झामुमो और शिवसेना क्रमश: बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पार्टियां हैं. चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा था, 'इस मामले में सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग ने जदयू को निर्देश दिया है उसे चुनाव चिह्न आदेश के पैरा 10 के तहत झारखंड और महाराष्ट्र में अब से चुनाव लड़ने की छूट नहीं दी जाएगी.'

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इस साल मार्च में आयोग ने आदेश दिया था कि झामुमो और शिवसेना बिहार में अपने चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. आठ मार्च, 2019 के आदेश में जो कहा गया था वह अब भी लागू होगा. और यही चीज महाराष्ट्र में भी लागू होगी.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)