रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सेना के लिये शानदार बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार किया है. एके-47 राइफल से हर तरफ से होने वाली गोलीबारी इस जैकेट पर बेअसर साबित होगी. यह जैकेट मात्र 9 किलो का है. पहले सेना के पास इस श्रेणी के बुलेट प्रूफ जैकेट 10.4 किलोग्राम के होते थे. वजन के लिहाज से पहले के मुकाबले लगभग डेढ़ किलोग्राम कम यह बुलेटप्रूफ जैकेट काफी क्षमतावान है. कारण स्पष्ट है कि जैकेट का वजन जितना ज्यादा होगा, सैनिक के लिए उसे पहनकर ऑपरेशन करना उतना ही मुश्किल होगा.इस हल्के बुलेटप्रूफ जैकेट को डीआरडीओ, कानपुर की डिफेंस मैटेरियल्स ऐंड स्टोर्स रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट लैब ने तैयार किया है. इस जैकेट के फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल का परीक्षण टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लैब चंडीगढ में किया गया . यह भारतीय मानक ब्यूरो के मानक पर भी पूरी तरह खरा उतरा है.
भारतीय सेना के मेजर ने बनाई दुनिया की पहली यूनिवर्सल बुलेटप्रूफ जैकेट ‘शक्ति'
Defence Materials and Stores Research and Development Establishment (DMSRDE), Kanpur a DRDO laboratory has developed Light Weight Bullet Proof Jacket (BPJ) weighing 9 kg meeting the qualitative requirements of the Indian Army: DRDO pic.twitter.com/0iIujbH0TL
— ANI (@ANI) April 1, 2021
डीआरडीओ के प्रवक्ता डॉ. नरेन्द्र कुमार आर्या ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनी यह जैकेट सेना की उम्मीदों पर खरा उतरेगा. आज सेना को ऐसे लाखों बुलेट प्रूफ जैकेट की जरूरत है. डीआरडीओ के इस जैकेट से न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी बल्कि बेहतर गुणवत्ता का उत्पाद भी मिलेगा. अब जल्द ही डीआरडीओ देशी बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने की तकनीक उद्योग जगत को देगा. फिर द्योग जगत सेना के लिए इसे बड़े पैमाने पर बनाएगी .
आम तौर पर बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन 17 किलोग्राम तक होता है. मध्यम आकार के बुलेटप्रूफ जैकेट 10.4 किलोग्राम के होते हैं. डीआरडीओ ने यह जैकेट सिर्फ 9 किलोग्राम का बनाया है यानी यह आम बुलेटप्रूफ जैकेट की तुलना में 1400 ग्राम हल्का है. इससे भारतीय सैनिकों को बहुत फायदा मिलेगा. परीक्षणों में पास होने के बाद डीआरडीओ जल्द ही इस जैकेट का निर्माण इंडस्ट्री की मदद से शुरू कर सकता है.
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