महाराष्ट्र कैडर IAS ऑफिसर हैं ये. तस्वीर: प्रतीकात्मक
मुंबई:
नाम के पहले सम्मानसूचक संबोधन की परंपरा को त्यागने के लिए कहते हुए महाराष्ट्र में एक आईएएस अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को ऐसी परंपरा बंद करने का निर्देश दिया है. महाराष्ट्र के कृषि आयुक्त सुनील केंद्रेकर ने अपने विभागीय कर्मचारियों को संवाद में कहा है, 'मेरे ध्यान में आया है कि पत्र व्यवहार, फाइलें, या मोबाइल फोन संदेश में, मुझे सम्माननीय, आदरणीय, श्री आदि कह कर संबोधित किया जाता है ...यह ठीक नहीं है. '
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आईएएस अधिकारी ने कहा, 'इसलिए, इस तरह की सामंती उपाधियों से परहेज किया जाए और या तो मेरे नाम से या फिर पद से संबोधित किया जाए. ' केंद्रेकर ने बताया कि उन्होंने पूर्व की नियुक्तियों में भी अपने नाम के पहले सम्मानसूचक उपाधियों को छोड़ने पर जोर दिया था.
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मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद को प्रधान सेवक कहने की अपील कर चुके हैं. साथ ही हाल ही में केंद्र सरकार ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए गाड़ियों पर लाल बत्ती लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है.
इनुपट: भाषा
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इनुपट: भाषा
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