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This Article is From Nov 27, 2018

26/11 मुंबई हमले की बरसी पर डोनाल्ड ट्रंप बोले : अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है, आतंकवाद को जीतने नहीं देंगे

आंतकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को एक बार फिर से अमेरिका का साथ मिला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डोनाल्ड ट्रम्प ने आतंकवाद के लड़ाई में भारत के लिए मजबूत समर्थन एक्स्प्रेस किया है.

26/11 मुंबई हमले की बरसी पर डोनाल्ड ट्रंप बोले : अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है, आतंकवाद को जीतने नहीं देंगे
26/11 मुंबई हमले की बरसी पर डोनाल्ड ट्रंप
नई दिल्ली: आंतकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को एक बार फिर से अमेरिका का साथ मिला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डोनाल्ड ट्रम्प ने आतंकवाद के लड़ाई में भारत के लिए मजबूत समर्थन एक्स्प्रेस किया है. मुंबई में 26/11 आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को 10वीं बरसी पर याद कर रहे भारत के लिए अमेरिका का यह बयान काफी मायने रखता है. बता दें कि मुंबई में 26/11 आतंकी हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे. 

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मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने की बात दोहराई है. उन्होंने ट्वीट किया- मुंबई आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी पर, न्याय के लिए अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है. इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 निर्दोषों की मौत हो गई. हम कभी भी आतंकवादियों को जीतने नहीं देंगे, या यहां तक कि जीतने के करीब भी नहीं आएंगे!" 26/11 Mumbai Attacks: जब अमिताभ बच्चन अपने सिरहाने लोडेड रिवॉल्वर रखकर सोने पर हुए मजबूर, पढ़ें पूरी दास्तान

इससे पहले अमेरिका ने 2008 के मुंबई हमले में शामिल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी या उसकी दोषसिद्धि में मदद करने वाली सूचना देने वाले को 50 लाख डॉलर का इनाम देने की सोमवार को घोषणा की. अमेरिका ने इसके साथ ही पाकिस्तान को विशेष तौर पर कहा कि वह आतंकवादी कृत्य के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने का अपना दायित्व निभाए. ट्रंप प्रशासन ने मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर इस बड़े पुरस्कार (35 करोड़ रुपये से अधिक) की घोषणा की. इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी पर हमला किया था जिसमें छह अमेरिकियों समेत 166 लोग मारे गए थे. 

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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘अमेरिका के विदेश मंत्रालय का ‘रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम' (आरएफजे) ऐसी सूचना देने वाले को 50 लाख डालर इनाम की पेशकश कर रहा है जिससे किसी भी देश में किसी भी ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी में मदद मिले जिसने 2008 मुम्बई हमले के लिए षड्यंत्र रचा, या उसके लिए सहायता दी या उकसाया.' आरएफजे ने एक अलग बयान में कहा, ‘‘इस जघन्य षड्यंत्र के प्रमुख सदस्य अब भी फरार हैं और इसको लेकर जांच प्रक्रिया जारी है.' यह कदम उपराष्ट्रपति माइक पेंस के सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने के एक पखवाड़े से भी कम समय में उठाया गया है.  उस दौरान ऐसा समझा जाता है कि पेंस ने खुद यह मुद्दा उठाया था और नाराजगी जताई थी मुंबई हमले के 10 साल बीत जाने के बावजूद हमले में शामिल अपराधियों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया है.

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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मुम्बई आतंकवादी हमले को ‘बर्बर' बताते हुए पाकिस्तान और अन्य देशों का आह्वान किया कि वे इस क्रूरता के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अपने दायित्व निभाएं. पोम्पियो ने कहा, ‘‘हम सभी देशों, विशेष तौर पर पाकिस्तान का आह्वान करते हैं कि वे इस क्रूरता के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने के अपने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दायित्व निभायें जिसमें लश्करे तैयबा और उसके सम्बद्ध भी शामिल हैं.' विदेश मंत्रालय ने कहा कि 26 नवम्बर 2008 से लश्करे तैयबा से जुड़े कुल 10 आतंकवादियों ने मुम्बई में कई स्थानों पर श्रृंखलाबद्ध समन्वियत हमलों को अंजाम दिया. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका 2008 मुम्बई हमले के लिए जिम्मेदारों की पहचान करने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है.'अमेरिकी विदेश मंत्रालय की यह नयी घोषणा मुंबई हमले में शामिल लोगों के बारे में सूचना मांगने के लिये तीसरा आरएफजे इनाम है.

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