तेल कंपनियों ने बुधवार को लगातार पेट्रोल की कीमत में 40 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 45 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की. तेल कंपनियों के कीमतों की समीक्षा 82 दिनों तक स्थगित रखने के बाद लगातार चौथे दिन पेट्रोल-डीजल के दाम वृद्धि की गई है. सरकारी तेल विपणन कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.00 रुपये से बढ़कर 73.40 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल की कीमत 71.17 से बढ़कर 71.62 रुपये लीटर हो गई है. दरें पूरे देश में बढ़ी हैं हालांकि स्थानीय कर एवं वैट के चलते हर राज्य में ये कीमतें अलग होंगी.
यह लगातार चौथे दिन दरों में बढ़ोतरी है. तेल कंपनियों ने 82 दिनों तक कीमतों की समीक्षा को स्थगित रखने के बाद रविवार को लागत के अनुरूप फेरबदल की शुरुआत की. इस तरह चार दिन में पेट्रोल 2.14 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.23 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के लाभ को सोखने के लिए सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कीमतों की दैनिक समीक्षा रोक दी थी.
इसके बाद सरकार ने छह मई को एक बार फिर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुलक बढ़कर 32.98 रुपये लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया. तेल कंपनियों ने हालांकि, उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर नहीं डाला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ उसे समायोजित कर दिया गया.
कोरोना वायरस महामारी के कारण कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में एक दशक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची थी। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत तेल आयात करता है. अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण तेल कीमतों की दैनिक समीक्षा को रोक दिया गया था. अब जबकि बाजार में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगी है दैनिक मूल्य समीक्षा शुरू कर दी गई है.
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