सेना को सोमवार को एक ऐसी तोप मिलने जा रही है जिससे उसकी मारक क्षमता काफी धारदार हो जाएगी. एक समय बोर्फोस को लेकर काफी विवाद हुआ लेकिन अब इसी तोप की तकनीक पर बनी पूरी तरह से देश में विकसित की गई 'देसी बोफोर्स' दुशमनों के दांत खट्टे करने के लिये तैयार है. पहली बार देश में बनी तोप को नाम दिया गया है धनुष. जबलपुर में इसे सेना को सौंपा जाएगा. फिलहाल सेना के हवाले 6 तोप की जाएगी लेकिन ऑर्डिनेंस डिपो ऐसी 114 तोप बनाकर सेना को देगी. 45 कैलिबर की 155 मिलीमीटर की ये तोप पुरानी बोफोर्स की तकनीक पर जबलपुर के ऑर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड ने बनायी है. ये पुरानी बोर्फोस से कई मायने में बेहतर है.
पुरानी बोर्फोस की रेंज 29 किलोमीटर थी तो इसकी रेंज 38 किलोमीटर है. वहीं पुरानी बोफोर्स ऑटोमेटिक नहीं थी जबकि इसमें तो कंप्यूटर लगा हुआ है जो खुद ही गोला लोड कर उसे फायर कर सकता है. लागातार फाय़र करने के बाद भी इसका बैरल गरम नहीं होता है जबकि बोर्फोस में ऐसा नहीं था. ये दिन के साथ रात में भी अपना निशाना सटीक लगा सकता है. हर मौसम और हालात में ये पूरी तरह कारगार है. एक तोप का वजन 13 टन के आसपास है. हर तोप की कीमत करीब 14 करोड़ 50 लाख रुपए है. इसके एक गोले की कीमत एक लाख आती है. इसमें 90 फिसदी कल पुर्जे देसी लगे हुए हैं.
भारत की ताकत बढ़ी, पढ़ें- अल्ट्रा लाइट 145 M-777 तोपों की 5 बड़ी खासियतें
बोफोर्स घोटाला 80 के दशक के आखिर में प्रकाश में आया था जिसके बाद कारगिल युद्ध के समय इस तोप की खूब चर्चा रही क्योंकि इसके दागे गोले की वजह से पाकिस्तानी घुसपैठियों को भागना पड़ा था. बोफोर्स घोटाले का असर ऐसा रहा कि तीन दशक तक सेना को कोई नई तोप नहीं मिली.
धुनष से पहले सेना को अमेरिकी एम-777 और कोरिया के सहयोग से बनी के-9 वज्र तोप मिली है जिसे चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया जा रहा है. सही मायने में धनुष तोप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीय आधुनिक तोप है जिसके सेना में शामिल होने से सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.
VIDEO: 30 साल बाद भारतीय सेना को मिली नई तोप
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं