यह ख़बर 21 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

संयुक्त राष्ट्र में तैनाती से मिली देवयानी को अस्थायी छूट : अमेरिका

फाइल फोटो

वाशिंगटन:

अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित किए जाने से उन्हें अस्थायी तौर पर पूर्ण-राजनयिक छूट और अमेरिका में गिरफ्तारी से सुरक्षा मिल सकेगी, लेकिन उनके खिलाफ वीजा धोखाधड़ी का मामला बिना किसी बाधा के चलता रहेगा।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, किसी के लिए भी, यह छूट तब तक बनी रहेगी, जब तक उसके पास राजनयिक दर्जा है। लेकिन इसकी वजह से पिछली बातों को खत्म नहीं किया जा सकता।

साकी ने कहा, राजनयिक छूट मिल जाने से पिछले आपराधिक आरोप खत्म नहीं हो जाते। वे दर्ज ही रहेंगे। राजनयिक छूट से राजनयिक अनिश्चितकाल तक कार्रवाई से बच नहीं सकता। यह राजनयिक के वर्तमान दर्जे से संबंधित है और यह तब तक जारी रहती है, जब तक उसके पास यह दर्जा है। उन्होंने कहा कि राजनयिक छूट का अर्थ है कि एक विदेशी राजनयिक पर अमेरिका में तब तक आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती, जब तक वह राजनयिक है। राजनयिक का दर्जा मिले रहने तक उनहें यह छूट मिली रहती है।

साकी ने कहा, मुझे लगता है कि कुछ भ्रम है कि दर्जे में बदलाव का अर्थ पिछले आरोपों से मुक्ति है, लेकिन ऐसा नहीं है।
 
पिछले सप्ताह न्यूयॉर्क में वीजा जालसाजी के आरोप में देवयानी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें भारतीय वाणिज्य दूतावास से संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को अभी ‘उपयुक्त माध्यमों से आधिकारिक मान्यता’ के लिए आधिकारिक अनुरोध मिलना बाकी है। उन्होंने यह संकेत भी दिए कि पूर्ण राजनयिक छूट तब तक बनी रहेगी जब तक वे संयुक्त राष्ट्र में तैनात हैं।

वीजा जालसाजी के आरोप में 1999 की बैच की विदेश सेवा अधिकारी देवयानी को गिरफ्तार करने के बाद यूएस मार्शल्स सर्विस को सौंप दिया था। इसके बाद से वह न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन में तैनात हैं।

देवयानी को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ रही थीं। इसके बाद अदालत में उन्होंने खुद को बेकसूर बताया, जिसके पश्चात उन्हें 2.5 लाख डॉलर के बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया था।

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दोषी पाए जाने पर वीजा धोखाधड़ी के मामले में उन्हें 10 साल और झूठी जानकारी देने के लिए 5 साल तक की जेल हो सकती है।