दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर क्योंकि....
नई दिल्ली:
कई मामलों में अव्वल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब प्रदूषण के मामले में भी टॉप पर पहुंच गई है। दिल्ली के अपने प्रदूषण और आस पास के राज्यों से खूंटी जलाए जाने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया है। आलम ये है कि देश की 6 सबसे प्रदूषित जगह एनसीआर क्षेत्र में पड़ती हैं।
दिल्ली सरकार ने पंजाब-हरियाणा को दोषी माना...
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा को दोषी माना है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों को चाहिए कि वे फसलों को जलाने वाले किसानों पर रोक लगाएं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सैटलाइट ने पश्चिम उत्तर भारत के खेतों में खूंटी जलने की ताजा तस्वीर भेजी थीं। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है, लेकिन किसान हैं कि प्रतिबंध के बावजूद बाज नहीं आ रहे हैं। मोहाली के एक संस्थान ने हाल ही में अपने एक शोध में पाया की खूंटी जलाने से उठने वाले धुएं में कैंसर पैदा करने वाले कण मौजूद होते हैं।
नासा ने जारी की धुएं से ढकी उत्तर भारत की तस्वीरें
खूंटी जलाने से हो रहा प्रदूषण, सरकारी कोशिशें नाकाम...
पंजाब-हरियाणा में फसल कटाई के बाद खूंटी (कटाई के बाद खेत में बचा रहने वाला फसल का हिस्सा ) जलाने की समस्या पर अंकुश लगाने की सरकार की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की चादर में लिपटी नजर आई थी।
किसान कहते हैं, कोई नुकसान नहीं है...
पिछले कुछ दिनों से सवेरे दिल्ली-एनसीआर में धुंध ज्यादा है, सोमवार को यह कुछ अधिक दिखी। कोहरे की चादर से वातावरण धुंधला हो गया। इसकी बड़ी वजह वाहनों के प्रदूषण के साथ पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के खेतों में धान की कटाई के बाद बची हुई खूंटी जलाना है। इससे समस्या कई गुना बढ़ गई है। अम्बाला के एक किसान का मत है कि खूंटी जलाने से कोई नुकसान नहीं होता। इससे खेत जल्दी तैयार हो जाता है। खूंटी आसानी से नहीं कटती, ट्रेक्टर से भी नहीं, इसलिए जलानी पड़ती है।
मसला सियासी, इसलिए सरकार नहीं उठाती सख्त कदम..
सरकार किसानों को ऐसा करने से रोकने के लिए विज्ञापन जारी करती है। जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को एफआईआर तक दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सख्ती करने में सरकार के सामने दिक्कत यह है कि यह मसला सियासी है। सरकार किसानों के खिलाफ मामले दर्ज करने में डरती है।
हरियाणा के स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज कहते हैं कि खूंटी जलाने से कार्बन कंटेंट हवा में बढ़ जाता है। इसके लिए सरकार ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं। दिशानिर्देश दिए गए हैं कि इसे रोकने के लिए सख्ती करेंगे ताकि कोई भी इसको जलाए नहीं।
बिजली बनाने की योजना, तत्काल कोई उपाय नहीं..
हाल ही में इस बारे में पूछे जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि 'हम पावर प्लांट लगा रहे हैं जिसमें खूंटी से बिजली बनेगी, फिर किसान नहीं जलाएंगे। यह समस्या सभी जगह है, हरियाणा, गुजरात में भी है। आप पंजाब को लेकर इशू क्यों बना रहे हैं।'
दिल्ली सरकार ने पंजाब-हरियाणा को दोषी माना...
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति के लिए पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा को दोषी माना है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों को चाहिए कि वे फसलों को जलाने वाले किसानों पर रोक लगाएं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सैटलाइट ने पश्चिम उत्तर भारत के खेतों में खूंटी जलने की ताजा तस्वीर भेजी थीं। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है, लेकिन किसान हैं कि प्रतिबंध के बावजूद बाज नहीं आ रहे हैं। मोहाली के एक संस्थान ने हाल ही में अपने एक शोध में पाया की खूंटी जलाने से उठने वाले धुएं में कैंसर पैदा करने वाले कण मौजूद होते हैं।
नासा ने जारी की धुएं से ढकी उत्तर भारत की तस्वीरें
खूंटी जलाने से हो रहा प्रदूषण, सरकारी कोशिशें नाकाम...
पंजाब-हरियाणा में फसल कटाई के बाद खूंटी (कटाई के बाद खेत में बचा रहने वाला फसल का हिस्सा ) जलाने की समस्या पर अंकुश लगाने की सरकार की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में कोहरे की चादर में लिपटी नजर आई थी।
किसान कहते हैं, कोई नुकसान नहीं है...
पिछले कुछ दिनों से सवेरे दिल्ली-एनसीआर में धुंध ज्यादा है, सोमवार को यह कुछ अधिक दिखी। कोहरे की चादर से वातावरण धुंधला हो गया। इसकी बड़ी वजह वाहनों के प्रदूषण के साथ पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के खेतों में धान की कटाई के बाद बची हुई खूंटी जलाना है। इससे समस्या कई गुना बढ़ गई है। अम्बाला के एक किसान का मत है कि खूंटी जलाने से कोई नुकसान नहीं होता। इससे खेत जल्दी तैयार हो जाता है। खूंटी आसानी से नहीं कटती, ट्रेक्टर से भी नहीं, इसलिए जलानी पड़ती है।
मसला सियासी, इसलिए सरकार नहीं उठाती सख्त कदम..
सरकार किसानों को ऐसा करने से रोकने के लिए विज्ञापन जारी करती है। जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को एफआईआर तक दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सख्ती करने में सरकार के सामने दिक्कत यह है कि यह मसला सियासी है। सरकार किसानों के खिलाफ मामले दर्ज करने में डरती है।
हरियाणा के स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज कहते हैं कि खूंटी जलाने से कार्बन कंटेंट हवा में बढ़ जाता है। इसके लिए सरकार ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं। दिशानिर्देश दिए गए हैं कि इसे रोकने के लिए सख्ती करेंगे ताकि कोई भी इसको जलाए नहीं।
बिजली बनाने की योजना, तत्काल कोई उपाय नहीं..
हाल ही में इस बारे में पूछे जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि 'हम पावर प्लांट लगा रहे हैं जिसमें खूंटी से बिजली बनेगी, फिर किसान नहीं जलाएंगे। यह समस्या सभी जगह है, हरियाणा, गुजरात में भी है। आप पंजाब को लेकर इशू क्यों बना रहे हैं।'
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