यह ख़बर 24 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हाईकोर्ट धमाका : जजों को डराना था मकसद

खास बातें

  • वसीम ने एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि इस ब्लास्ट के जरिए उसका मकसद वकीलों और जजों में डर पैदा करना था।
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसी एनआईए का कहना है कि धमाके के आरोपी देश में ही हैं। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट धमाका करने वालों की पहचान हो गई है। एनआईए का कहना है कि गिरफ्तार आतंकी वसीम ने यह जानकारी दी है। एजेंसी के अनुसार वसीम पर अफ़जल गुरु का काफी प्रभाव था। वसीम ने एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि इस ब्लास्ट के जरिए उसका मकसद वकीलों और जजों में डर पैदा करना था। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में हुए धमाके के मुख्य संदिग्ध वसीम अकरम मलिक की पुलिस हिरासत आज खत्म हो रही है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने वसीम को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से पकड़ा था और पिछले एक महीने से वो पुलिस रिमांड पर है। इस दौरान उसने धमाके से जुड़े कई खुलासे किए हैं। वसीम ने एनआईए को बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेशी इस्लामी छात्र शिविर ने दिल्ली धमाके के लिए पैसे इकट्ठा करने में उसकी मदद की थी। वसीम ने हाईकोर्ट धमाके में तीन और आतंकवादियों की भूमिका का खुलासा किया था जिनमें से एक जुनैद उसका भाई है। सुरक्षा बलों ने इन तीनों को पकड़ने के लिए किश्तवाड़ में तलाशी अभियान भी छेड़ रखा है। एनआईए ने इन तीनों आतंकवादियों की सूचना देने वाले को 10 लाख का इनाम देने का ऐलान भी किया है।


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