मनोहर पर्रिकर का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ और स्वामी रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के बीच हुए हालिया करार के बचाव में उतर आए हैं। पर्रिकर के मुताबिक, बाबा रामदेव की संस्था का नेटवर्क देशभर में है, जिसके चलते डीआरडीओ के उत्पादन देशभर के लोगों को आसानी से मिल सकते हैं। दरअसल, डीआरडीओ और स्वामी रामदेव के बीच हुए करार के ज़रिए पतंजलि योगपीठ ऊंचे पर्वतों पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए खाना तैयार करेगी।
डीआरडीओ में हुए एक समारोह में पर्रिकर ने कहा कि स्वामी रामदेव के साथ हुए समझौते की ख़ास बात यह है कि रामदेव अपने मज़बूत नेटवर्क के ज़रिए तकनीक को हर जगह पहुंचा सकते हैं। ये विशेष खाना डीआरडीओ की लेह स्थित डिफेंस हाई एल्टीटयूड रिसर्च लैब ने तैयार किया है और इसका उत्पादन पतंजलि ट्रस्ट करेगा।
रामदेव पांच तरह के विशेष पेय और खाद्य-पदार्थ सैनिकों के लिए तैयार करेंगे, जिनमें हर्बल चाय, डाइट सप्लीमेंट कैप्सूल और खूबानी का जूस भी शामिल है। ये उत्पाद पतंजलि योगपीठ आम लोगों को बेच सकती है। अभी तक डीआरडीओ इन प्रोडेक्टस को सिर्फ सैनिकों के लिए तैयार करता था।
इस बारे में हाल ही में लेह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, डीआरडीओ प्रमुख एस क्रिस्टोफर और रामदेव की मौजूदगी में एक समझौता हुआ था। यह समझौता पतंजलि योगपीठ और डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टिट्यूट ऑफ हाई ऐल्टिट्यूड रिसर्च (DIHAR) के बीच हुआ। इस समझौते के तहत डीआरडीओ का डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टिट्यूड रिसर्च पहाड़ी फल सीबकथोर्न (धुरचक) पर आधारित उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण करेगा।
डीआईएचएआर का मुख्य कार्य ठंडे क्षेत्रों में कृषि और पशु आधारित उत्पादों की तकनीक विकसित करना है ताकि इन इलाकों में ताजा खाना स्थानीय तौर पर उपलब्ध हो सके।
स्वामी रामदेव की केंद्र सरकार से नज़दीकियों के कारण इस करार पर राजनीतिक हलकों से सवाल भी उठे थे। जेडीयू ने मोदी सरकार पर डीआरडीओ के भगवाकरण का आरोप लगााया था।
डीआरडीओ में हुए एक समारोह में पर्रिकर ने कहा कि स्वामी रामदेव के साथ हुए समझौते की ख़ास बात यह है कि रामदेव अपने मज़बूत नेटवर्क के ज़रिए तकनीक को हर जगह पहुंचा सकते हैं। ये विशेष खाना डीआरडीओ की लेह स्थित डिफेंस हाई एल्टीटयूड रिसर्च लैब ने तैयार किया है और इसका उत्पादन पतंजलि ट्रस्ट करेगा।
रामदेव पांच तरह के विशेष पेय और खाद्य-पदार्थ सैनिकों के लिए तैयार करेंगे, जिनमें हर्बल चाय, डाइट सप्लीमेंट कैप्सूल और खूबानी का जूस भी शामिल है। ये उत्पाद पतंजलि योगपीठ आम लोगों को बेच सकती है। अभी तक डीआरडीओ इन प्रोडेक्टस को सिर्फ सैनिकों के लिए तैयार करता था।
इस बारे में हाल ही में लेह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, डीआरडीओ प्रमुख एस क्रिस्टोफर और रामदेव की मौजूदगी में एक समझौता हुआ था। यह समझौता पतंजलि योगपीठ और डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टिट्यूट ऑफ हाई ऐल्टिट्यूड रिसर्च (DIHAR) के बीच हुआ। इस समझौते के तहत डीआरडीओ का डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टिट्यूड रिसर्च पहाड़ी फल सीबकथोर्न (धुरचक) पर आधारित उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण करेगा।
डीआईएचएआर का मुख्य कार्य ठंडे क्षेत्रों में कृषि और पशु आधारित उत्पादों की तकनीक विकसित करना है ताकि इन इलाकों में ताजा खाना स्थानीय तौर पर उपलब्ध हो सके।
स्वामी रामदेव की केंद्र सरकार से नज़दीकियों के कारण इस करार पर राजनीतिक हलकों से सवाल भी उठे थे। जेडीयू ने मोदी सरकार पर डीआरडीओ के भगवाकरण का आरोप लगााया था।
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