नई दिल्ली:
सीबीआई ने हथियार डीलर अभिषेक वर्मा और उनकी नवविवाहित रोमानियाई पत्नी को कथित रूप से स्विट्जरलैंड की हथियार कंपनी से उसे भारत सरकार की काली सूची से हटाने के बदले राशि प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई ने वर्मा और उनकी पत्नी एंसिया निएस्कू को शाम में उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे जांच एजेंसी को संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे। सीबीआई ने कल उनके खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने वर्मा को पहले कथित जाली पासपोर्ट और नौसैनिक युद्धकक्ष से गोपनीय वाणिज्यिक सूचना विदेशी कंपनियों को लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया था। वर्मा को सुबह उनकी पत्नी के साथ सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया।
सीबीआई दल ने दोनों से गैंटन इंडिया और गैंटन अमेरिका के बीच हुए राशि के आदान प्रदान को लेकर गहन पूछताछ की। दावा किया जा रहा है कि दोनों वर्मा की प्रमुख कंपनियां हैं। इसके साथ ही सीबीआई ने वर्मा से उनके अलग हो चुके साझेदार सी एडमन एलेन के साथ व्यापारिक संबंधों के बारे में भी पूछताछ की। एलेन ने वर्मा के खिलाफ अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के समक्ष कई आरोप लगाये हैं।
सीबीआई ने यह आरोप लगाते हुए वर्मा के खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज किया है कि उन्होंने इस वादे के बदले स्विट्जरलैंड की कंपनी रिनमेटल एयर डिफेंस एजी (आरएडी) से पांच लाख तीस हजार डॉलर लिये कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सरकार की ओर से उसे काली सूची में डालने की शुरू की गई प्रक्रिया पर रोक लगवा देंगे जिसे आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड घोटाले के बाद शुरू किया गया है। वर्मा और उनकी पत्नी को कल निर्दिष्ट अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और सीबीआई उनकी हिरासत की मांग करेगी।
सीबीआई ने इसके साथ ही स्विट्जरलैंड की कंपनी के तत्कालीन निदेशक मोहिंदर साहनी और अजरुन अरोड़ा से भी पूछताछ की जिनके आवासों पर कल छापे मारे गए थे। हालांकि वर्मा की पत्नी का नाम प्राथमिकी में नहीं है लेकिन सीबीआई अधिकारी इस मामले में उनकी भूमिका भी जांच कर रहे हैं।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कंपनी, वर्मा और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा आठ और 12 के तहत मामला दर्ज किया है।
धारा आठ सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत लेने से संबंधित है और इसमें छह महीने से लेकर पांच वर्ष की कैद हो सकती है। हाल में वर्मा अपने साझेदार सी एडमंड एलेन के खिलाफ शिकायत के साथ दिल्ली की एक अदालत गए थे। वर्मा ने एलेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे 55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के साथ ही उन्हें बदनाम करने के लिए दस्तावेजों और ईमेल के साथ छेड़छाड़ की।
एलेन ने सीबीआई निदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों से शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि वर्मा ने आरएडी की सहायता करने के लिए उससे राशि प्राप्त की थी। अदालत ने वर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उनका सम्मन से पहले का साक्ष्य दर्ज करने के लिए 21 जुलाई की तिथि तय की थी।
वर्मा नौसैना युद्धकक्ष लीक मामले में आरोपी हैं जिसमें वाणिज्यिक नौसैनिक सू़चनाएं विदेशी कंपनियों को लीक की गई थी। इस मामले में पूर्व नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश का संबंधी रवि शंकरण भी एक आरोपी है।
सीबीआई ने वर्मा और उनकी पत्नी एंसिया निएस्कू को शाम में उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे जांच एजेंसी को संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे। सीबीआई ने कल उनके खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने वर्मा को पहले कथित जाली पासपोर्ट और नौसैनिक युद्धकक्ष से गोपनीय वाणिज्यिक सूचना विदेशी कंपनियों को लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया था। वर्मा को सुबह उनकी पत्नी के साथ सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया।
सीबीआई दल ने दोनों से गैंटन इंडिया और गैंटन अमेरिका के बीच हुए राशि के आदान प्रदान को लेकर गहन पूछताछ की। दावा किया जा रहा है कि दोनों वर्मा की प्रमुख कंपनियां हैं। इसके साथ ही सीबीआई ने वर्मा से उनके अलग हो चुके साझेदार सी एडमन एलेन के साथ व्यापारिक संबंधों के बारे में भी पूछताछ की। एलेन ने वर्मा के खिलाफ अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के समक्ष कई आरोप लगाये हैं।
सीबीआई ने यह आरोप लगाते हुए वर्मा के खिलाफ एक ताजा मामला दर्ज किया है कि उन्होंने इस वादे के बदले स्विट्जरलैंड की कंपनी रिनमेटल एयर डिफेंस एजी (आरएडी) से पांच लाख तीस हजार डॉलर लिये कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सरकार की ओर से उसे काली सूची में डालने की शुरू की गई प्रक्रिया पर रोक लगवा देंगे जिसे आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड घोटाले के बाद शुरू किया गया है। वर्मा और उनकी पत्नी को कल निर्दिष्ट अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और सीबीआई उनकी हिरासत की मांग करेगी।
सीबीआई ने इसके साथ ही स्विट्जरलैंड की कंपनी के तत्कालीन निदेशक मोहिंदर साहनी और अजरुन अरोड़ा से भी पूछताछ की जिनके आवासों पर कल छापे मारे गए थे। हालांकि वर्मा की पत्नी का नाम प्राथमिकी में नहीं है लेकिन सीबीआई अधिकारी इस मामले में उनकी भूमिका भी जांच कर रहे हैं।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कंपनी, वर्मा और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा आठ और 12 के तहत मामला दर्ज किया है।
धारा आठ सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने के लिए रिश्वत लेने से संबंधित है और इसमें छह महीने से लेकर पांच वर्ष की कैद हो सकती है। हाल में वर्मा अपने साझेदार सी एडमंड एलेन के खिलाफ शिकायत के साथ दिल्ली की एक अदालत गए थे। वर्मा ने एलेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनसे 55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के साथ ही उन्हें बदनाम करने के लिए दस्तावेजों और ईमेल के साथ छेड़छाड़ की।
एलेन ने सीबीआई निदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों से शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि वर्मा ने आरएडी की सहायता करने के लिए उससे राशि प्राप्त की थी। अदालत ने वर्मा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उनका सम्मन से पहले का साक्ष्य दर्ज करने के लिए 21 जुलाई की तिथि तय की थी।
वर्मा नौसैना युद्धकक्ष लीक मामले में आरोपी हैं जिसमें वाणिज्यिक नौसैनिक सू़चनाएं विदेशी कंपनियों को लीक की गई थी। इस मामले में पूर्व नौसेना प्रमुख अरुण प्रकाश का संबंधी रवि शंकरण भी एक आरोपी है।
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