विज्ञापन
This Article is From Jun 20, 2015

दिहाड़ी मजदूर पिता के पास नहीं है आईआईटी रैंकर बेटों की फीस भरने की रकम

दिहाड़ी मजदूर पिता के पास नहीं है आईआईटी रैंकर बेटों की फीस भरने की रकम
एनडीटीवी से बात करते राजू और बृजेश
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रेहुआ लालगंज में धर्मराज सरोज आजकल काफी परेशान हैं। उनके दो बेटों ने एक साथ आईआईटी के लिए प्रवेश परीक्षा पास की है और धर्मराज के पास उनके दाखिले के लिए फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं है। उनके दो बेटों में एक की रैंक 167 और दूसरे की रैंक 410 है।

अब धर्मराज सरोज को अपने बेटों के आईआईटी में दाखिले के लिए एक लाख रुपये की सख्त जरूरत है, लेकिन उनके लिए यह भी दूर की कौड़ी है क्योंकि वह मात्र उतना ही काम पाते हैं जिससे परिवार का पेट भर सकें।

प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मराज सूरत के एक मिल में काम करते हैं और वह दो शिफ्टों में काम करके 12 हजार रुपये महीना कमाते हैं। उनके परिवार में सात लोग हैं। जब धर्मराज को बेटे राजू (18) और बृजेश (19) को जब यह पता चला कि उनके बेटों ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है तब उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि यह कितनी बड़ी बात है। अब धर्मराज को इस उपलब्धि पर गर्व है, लेकिन खुशी मनाने के बजाय उनकी रातों की नींद उड़ गई है कि आखिर वह अपने लड़कों के दाखिले के लिए एक लाख रुपये कैसे जुगाड़ पाएंगे। एक लड़के पर 50 हजार (30 हजार दाखिला फीस और 20 हजार पहले सेमेस्टर की फीस) का खर्चा आएगा।

राजू का कहना है कि यह सच है, यह उपलब्धि बड़ी है, लेकिन चिंता है कि क्या हम एडमिशन ले पाएंगे। राजू ने बताया कि 25 जून से पहले फीस की व्यवस्था करनी है, बैंक भी दाखिले के बाद लोन देंगे।

धर्मराज और उनका परिवार के कच्चे मकान में रहता है। उनके पास आठ बकरी, एक साइकिल और एक टेबल फैन है।

धर्मराज कहते हैं कि डबल शिफ्ट में काम करके 12 हजार रुपये कमाता हूं... बच्चों का दाखिला जवाहर नवोदय विद्यालय में होने से कुछ सहूलियत रही। दोनों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए वजीरफा मिला। लेकिन अब पैसा कहां से आएगा, अगर जमीन होती तो बेच सकता था। एक इंच भी जमीन नहीं है। दोनों ही लड़कों के दसवीं में 95 प्रतिशत से ज्यादा अंक थे जिसके बाद उन्हें वजीरफा मिलने लगा था।

बृजेश ने बताया कि वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करना चाहता है और आईआईटी में पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस की परीक्षा देना है। बृजेश के कहना है कि एक डीएम लोगों के ज्यादा काम कर सकता है। वहीं राजू का कहना है कि वह आईआईटी के बाद एमबीए करना चाहता है ताकि पैसा कमाकर अपना और अपने परिवार का ख्याल रख सके।

इनके घर में पिछले ही साल बिजली आई है। परिवार ने कभी भी पनीर नहीं खाया है, न ही किसी गाड़ी की सवारी की है। यहां आज भी चूल्हे में खाना पकता है। न ही घर में टीवी है, न ही रेडियो, लेकिन ज्ञान अथाह है, राजू और बृजेश का 11 साल का छोटा भाई रोहित 32 का पहाड़ा फर्राटे से बोल लेता है...

खबर यह भी है कि कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजू से बात की है और आश्वासन दिया है कि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही उन्हें यह भी कहा है कि किसी प्रकार की दिक्कत आने पर वे उनसे संपर्क कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी उपाध्यक्ष के इशारे पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उनकी विधायक बेटी मोना तिवारी ने इन लड़कों के लिए एक-एक लाख रुपये की रकम की व्यवस्था की है।
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
आईआईटी प्रवेश परीक्षा, राजू सरोज, बृजेश सरोज, धर्मराज सरोज, उत्तर प्रदेश, IIT Entrance, Raju Saroj, Brajesh Saroj, Dharmaraj Saroj, Uttar Pradesh
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com