हाल ही में पद संभालने वाले सीआरपीएफ के नये डीजी ए पी माहेश्वरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि पुलवामा हमले के बाद मोबिलिटी, हथियार नेविगेशन, ड्रिल्स और क्षमता को मजबूत किया गया है, क्योंकि विरोधी भी अपने आप को लगातार बदलते रहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ का काम आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है. इस कारण पुलिस और एजेंसी के साथ बेहतर तालमेल पर सीआरपीएफ लगातार काम कर रही है. सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि हम इस बात का दावा नहीं कर सकते कि पुलवामा जैसा फिर हादसा नहीं होगा लेकिन हमने उस घटना से बहुत कुछ सीखा है.
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पुलिस के डीसीपी देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह पहला मामला नहीं है. दुश्मनों की तरफ से ऐसे काम होते रहते हैं लेकिन हम हर स्तर पर जांच करते हैं. कश्मीर में 60 60 बटालियन जवानों की तैनाती है. कश्मीर के हालत में तेजी से बदलाव हो रहे हैं, नेताओं के बाहर आने के बाद भी हालत नहीं बिगड़ेगें. उन्होंने कहा कि हमें साइबर हमलों से बचने की जरूरत हैं हमें साइबर प्रूफ बनना होगा.
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डीजी ए पी माहेश्वरी ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश के लिए कुर्बानियां दी है. हम जान देने में पीछे नहीं रहते हैं हमारे 2200 से अधिक जवानों ने अबतक देश के लिए बलिदान दिया है. हमने 2003 से माओवादियों के खिलाफ बंदूक उठाया था. सीआरपीएफ आंतरिक सुरक्षा के लिये है, चाहे कोई भी क्राइसिस आए, कही भी कभी भी हम तैयार हैं. साथ ही उन्होंने कहा समय के साथ खतरा का स्तर बदल गया है.
ए पी माहेश्वरी ने कहा कि देश का हर नागरिक अपने आप में बिना वर्दी वाला पुलिस होता है हम उनके साथ मिलकर काम करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस की व्यवस्था में सुधार के लिये कोई अगर आईडिया देता तो उसका स्वागत है. उन्होंने कहा कि देश ने सीआरपीएफ के काम को सराहा है हम वर्तमान में 55 वीआईपी लोगों को सुरक्षा दे रहे हैं. हमारे महिला बटालियन के काम की भी प्रशंसा हो रही है.
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