'आरोग्‍य सेतु' ऐप को अनिवार्य बनाने पर चल रहा है विचार, अभी नहीं हुआ अंतिम फैसला: सूत्र

ज्‍यादा से ज्‍यादा यूजर्स के बीच प्रमोट करने के लिए सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्‍या वह आरोग्‍य सेतु ऐप को अनिवार्य बना सकती है.

'आरोग्‍य सेतु' ऐप को अनिवार्य बनाने पर चल रहा है विचार, अभी नहीं हुआ अंतिम फैसला: सूत्र

पीएम ने लोगों से 'आरोग्‍य सेतु' एप डाउनलोड करने का आग्रह किया है (AFP फोटो)

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के खिलाफ 'जंग' के दौरान सरकार इस वायरस के संपर्क को 'ट्रेस' करने वाले ऐप 'आरोग्‍य सेतु' (Aarogya Setu) को डाउनलोड करने पर खास जोर दे रही है. विशेषज्ञों द्वारा गोपनीयता और निगरानी को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच इस ऐप को सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य बनाया जा सकता है. ज्‍यादा से ज्‍यादा यूजर्स के बीच प्रमोट करने के लिए सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्‍या वह इस ऐप को अनिवार्य बना सकती है. सूत्रों के अनुसार, सरकारी सेवाओं के इस्‍तेमाल या फ्लाइट और मेट्रो जैसी सेवाओं के लिए सरकार इस ऐप को अनिवार्य बनाने के विकल्‍प पर विचार कर रही है. हालांकि इस बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है.

आरोग्य सेतु (संस्कृत में "स्वास्थ्य सेतु) लोकेशन, मेडिकल और ट्रेवल हिस्‍ट्री के आधार पर COVID-19 से संक्रमित होने वालों की संभावनाओं का मूल्यांकन करता है. यह यूजर के कांटेक्‍ट्स (संपर्क) का पता लगाने के लिए ब्लूटूथ और लोकेशन सर्विसेज का उपयोग करता है. सरकार अब तक, यूजर्स को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए 'आरोग्‍य एप' डाउनलोड करने पर जोर दे रही है. इसके तहत हाल ही में, सरकारी कर्मचारियों को आदेश दिया गया था कि वे ऐप डाउनलोड करें और काम पर आने से पहले इसकी जांच करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में नागरिकों से इस ऐप को डाउनलोड करने का आग्रह किया है. आरोग्य सेतु को उपयोग करने पर यूजर की गोपनीयता को लेकर जताई गई चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार एक व्यापक अभियान चलाने की योजना बना रही है. 

उद्योग जगत के अनुसार, भारत में 50 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन यूजर हैं और यह संख्‍या वर्ष 2022 तक 80 करोड़ तक बढ़ने का अनुमान है. सरकार ने पहले ही आरोग्य सेतु के पांच करोड़ डाउनलोड का लक्ष्य हासिल कर लिया है. यह माना जा रहा है कि सरकार अब ऐप के 25 से 30 करोड़ के करीब के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहती है. गौरतलब है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 35 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. 1147 लोगों को अब तक इस वायरस के कारण जान गंवानी पड़ी है. 

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दुनिया में

67,69,38,430मामले
62,55,71,965सक्रिय
4,44,81,893ठीक हुए
68,84,572मौत
कोरोनावायरस अब तक 200 देशों में फैल चुका है. January 9, 2024 10:54 am बजे तक दुनियाभर में कुल 67,69,38,430 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 68,84,572 की मौत हो चुकी है. 62,55,71,965 मरीज़ों का उपचार जारी है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. .

भारत में

4,50,19,214 475मामले
3,919 -83सक्रिय
4,44,81,893 552ठीक हुए
5,33,402 6मौत
भारत में, 4,50,19,214 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 5,33,402 मौत शामिल हैं. January 9, 2024 8:00 am बजे तक भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 3,919 है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

राज्यवार व जिलावार विवरण

राज्य मामले सक्रिय ठीक हुए मौत