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This Article is From Apr 19, 2020

क्या कोरोनावायरस से निपटने को लेकर पीएम मोदी किसी दुविधा में हैं? केंद्रीय मंत्री ने दिया यह जवाब...

कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिये उपाय सुझाने के लिये गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) के सदस्य जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया के कुछ दूसरे देशों के विपरीत कोविड-19 से निपटने को लेकर हमारे देश में दुविधा या भ्रम की स्थिति नहीं है.

क्या कोरोनावायरस से निपटने को लेकर पीएम मोदी किसी दुविधा में हैं? केंद्रीय मंत्री ने दिया यह जवाब...
Coronavirus Updates: पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने का ऐलान किया था
नई दिल्ली:

Coronavirus Updates: देशव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के बीच देश में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिये कुछ छूट दिये जाने के एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने रविवार को कहा कि अगर देश कोरोनावायरस (Coronavirus) के संकट से बेहतर ढंग से निपटने में सफल रहता है तब बंदी के नियमों में और छूट दी जा सकती है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘स्थायी रूप से लॉकडाउन को जारी नहीं रख सकते.'' कोरोनावायरस से मुकाबला करने के लिये उपाय सुझाने के लिये गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) के सदस्य जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया के कुछ दूसरे देशों के विपरीत कोविड-19 से निपटने को लेकर हमारे देश में दुविधा या भ्रम की स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ देशों के नेताओं में मुद्दे पर दुविधा की स्थिति रही. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री इस स्थिति को लेकर किसी दुविधा में नहीं हैं, वे जानते हैं कि क्या करना है और कब करना है. इसलिये उन्होंने सही समय पर लॉकडाउन लागू करने का आह्वान किया. और अब लॉकडाउन जारी रखते हुए आंशिक रूप से आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का निर्णय किया है.''

सूचना प्रसारण मंत्री ने लोगों से अपील की कि ‘वे जहां भी हैं, वहीं रहें' और इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरोध का पूरी तरह से पालन करें. केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिये बसें भेजने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय पर विवाद उत्पन्न हो गया है. जावड़ेकर ने कहा, ‘‘मैं किसी एक घटना विशेष में नहीं जाना चाहता लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने लोगों को पेश आने वाली उन कठिनाइयों के बारे में बात रखी है, जब लोग घर से बाहर होते हैं. उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि जहां हैं, वहीं रहें. यह मुख्य बात है.''

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि यह लॉकडाउन की भावना के खिलाफ है. कुछ विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है कि सरकार अनेक स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों के घर लौटने की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है. जावड़ेकर ने कहा, ‘‘हमारी नीति है कि जहां हैं, वहीं रहें और एक दूसरे की मदद करें.''

उन्होंने कहा कि भारत में संक्रमण के बढ़ने की दर अपेक्षाकृत काफी कम है और जिसकी दुनिया सराहना कर रही है. 1.3 अरब आबादी को देखते हए हम कह सकते हैं कि हम अभी तक इससे अच्छी तरह से निपट सके हैं. मंत्री ने कहा, ‘‘अगर यह (सुधार) जारी रहता है तब लोगों को और राहत मिल सकती है.''

जावड़ेकर ने कहा कि 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट मुख्य रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये है. उन्होंने साथ ही उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में स्थिति में सुधार के साथ शहरों में भी आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी. उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस अलग तरह की आपदा है जिसका सामना दुनिया को करना पड़ रहा है. भारत ने भी लॉकडाउन को लागू किया है जो काफी सफल रहा है और इसकी दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है. यही कोरोना से लड़ने का रास्ता है. लेकिन इसके बावजूद हम स्थायी तौर पर लॉकडाउन नहीं कर सकते. इसलिये अर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की जरूरत महसूस हुई.''

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘दुनिया ने देखा है कि ऐसी महामारी की स्थिति में जिस देश ने लोगों की जान बचाने का काम किया उसकी ही स्थिति बेहतर हुई है. और इसलिये हमने लोगों की जान बचाने का काम किया है और इसके साथ ही हमें आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की जरूरत है. इसलिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ गतिविधियां शुरू करने की बात कही है.''

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि लॉकडाउन महामारी का समाधान नहीं है, केंद्रीय मंत्री ने इस पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को कोविड-19 के बारे में दूसरों से अधिक ज्ञान होगा. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘दुनिया ने समय पर लॉकडाउन करने और उसे अच्छे ढंग से लागू करने पर भारत की सराहना की. कुछ पश्चिमी देशों की तुलना में हमने काफी अच्छा काम किया है.'' उनका परोक्ष संदर्भ अमेरिका, फ्रांस, इटली जैसे देशों को लेकर था.

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 15,712 मामले सामने आए हैं और इससे 507 लोगों की मौत हो चुकी है. 20 अप्रैल से आर्थिक गतिविधियों में आंशिक छूट के संदर्भ में जावड़ेकर ने कहा कि क्या क्या खोला जा रहा है, इसे अगर हम व्यक्त करना चाहें तो... कृषि गतिविधियां पूरी तरह से खुलेंगी (ए टू जेड) जिसमें खेती से लेकर कृषि परिवहन, विपणन, मत्स्य क्षेत्र, डेयरी सहित सभी संबद्ध गतिविधियां एवं प्रसंस्करण इकाइयां शुरू हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये काफी राहत भरा कदम है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उद्योग, औद्योगिक इस्टेट्स, निर्यात उन्मुख क्षेत्र, निर्यात उन्मुख विशेष आर्थिक क्षेत्र सभी काम करने लगेंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि इन्हें कुछ एहतियात बरतना होगा, मसलन अपने कामगारों के लिये समर्पित परिवहन व्यवस्था करनी होगी, सामजिक दूरी का पालन करना होगा, साथ ही यह बेहतर होगा कि वे अपने कार्यबल का 50 प्रतिशत का उपयोग करें.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी तरह की माल ढुलाई शुरू हो जायेगी. अभी तक केवल आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई हो रही है. उन्होंने कहा कि मनरेगा का काम शुरू होने जा रहा है. ऐसे में जिनको रोजगार का नुकसान उठाना पड़ा है, उन्हें तत्काल करीब 200 रुपये प्रतिदिन मिलने लगेगा. हमने मनरेगा भुगतान में प्रतिदिन के हिसाब से 20 रुपये की वृद्धि भी की है. इसका लाभ बड़ी संख्या में लोगों को होगा. मनरेगा में हम जल से जुड़े कार्यो पर खास ध्यान दे रहे हैं.

मंत्री ने बताया कि 28 दिनों के बाद सड़क एवं राजमार्गो के निर्माण का काम भी शुरू हो जायेगा. इसके साथ ही निर्माण एवं खनन गतिविधियां भी शुरू की जायेंगी. उन्होंने कहा कि इस तरह से सोमवार से वास्तविक आर्थिक गतिविधियां से शुरू होंगी. यह अच्छा होगा. केवल शहरों में कुछ रोक रहेगी. लेकिन मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में वहां भी आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकेंगी. जावड़ेकर ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्द से जल्द हम टीका विकसित कर सकेंगे. हमारी भारतीय परंपरा को दुनिया स्वीकार कर रही है जो स्वच्छता से जुड़ी है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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