कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ाई के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विशेष तैयारी चल रही है. अब शीर्ष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बहस होगी. कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachud) की देखरेख में यह तैयारी हो रही है. लोगों से लोगों के संपर्क को कम करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं. प्रत्येक पक्षकार के वकील के लिए अलग कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे. एक वकील को केवल एक साधारण आवेदन को डाउनलोड करना होगा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही को सक्रिय करना होगा.
पत्रकारों की सुविधा के लिए प्रेस लाउंज में स्मार्ट टीवी लगाए जाएंगे. बार के सदस्यों को ई-फाइलिंग के लिए बढ़ावा देने पर जोर रहेगा. ई-फाइलिंग 24 घंटे हो सकेगी. मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे (Sharad Arvind Bobde) ने SCBA और SCAORA को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि बार के सदस्यों को उपरोक्त कदमों के बारे में बताया जाए और उन्हें कोर्ट हॉल में स्वयंसेवकों को तैनात करने के लिए भी कहा गया है, ताकि सदस्यों को दूरी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.
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बता दें कि रविवार शाम भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक तत्काल बैठक बुलाई गई थी. बैठक में जस्टिस अरुण मिश्रा, यूयू ललित, डी.वाई. चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव मौजूद रहे. मुख्य न्यायाधीश ने इस मुद्दे को संबोधित किया कि अदालत को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि आभासी अदालतें शुरू होने के कगार पर हैं. यह भी स्पष्ट किया गया कि बैठक में तैयार की गई चिकित्सा सलाह के लिए बार और बेंच को काम करना होगा.
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मेडिकल विशेषज्ञ, एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, आईसीएमआर के डॉक्टर बलराम भार्गव, फोर्टिस, अपोलो और मेदांता जैसे संस्थानों के अन्य विशेषज्ञों के साथ एक सामान्य चिकित्सा सलाह जारी की गई है, जो बैठक में उपस्थित थे. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा घोषणा की जाए, विशेष रूप से किसी भी अधिसूचित देशों में किसी भी हाल में की गई विदेश यात्रा के बारे में जानकारी दी जाए. पिछले एक या दो दिनों में खांसी या सर्दी का कोई संकेत, किसी भी रूप में संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क आदि के बारे में बताया जाए.
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कोर्ट की ओर से आगे यह सलाह दी गई है कि यदि किसी व्यक्ति ने वास्तव में किसी भी अधिसूचित क्षेत्र में विदेश यात्रा की है, तो उन्हें परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा सलाह जारी की गई है कि लक्षण वाले लोगों को आत्मसंयम के लिए कहा जाए. परिसर और सोशल मीडिया में जागरूकता पैदा की जाए. प्रवेश स्तर पर थर्मल स्कैन की स्थापना की जाए. सभी कोर्ट रूम, कॉरिडोर, शौचालय आदि में सेनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. व्यक्तियों के बीच न्यूनतम दूरी बनाए रखना और भीड़भाड़ से रोकने के लिए भी कदम उठाए जाएं. हाथ सुखाने की मशीन की स्थापना और कागज नैपकिन का उपयोग करने से बचा जाए. हाथ धोने के आठ उचित चरणों के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाए. अब अगली बैठक 18 मार्च के लिए निर्धारित की गई है.
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