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This Article is From Apr 11, 2020

लॉकडाउन : छा रही मंदी से उबारने में क्या भारत की मदद करेंगे? इस सवाल पर रघुराम राजन ने दिया ये जवाब

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में मंदी छाई हुई है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पहले ही कह चुका है कि दुनिया इस समय मंदी में ही है.

लॉकडाउन : छा रही मंदी से उबारने में क्या भारत की मदद करेंगे? इस सवाल पर रघुराम राजन ने दिया ये जवाब
Covid19 : लॉकडाउन की वजह से कई सेक्टर मंदी का शिकार बन रहे हैं
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में मंदी छाई हुई है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पहले ही कह चुका है कि दुनिया इस समय मंदी में ही है. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर (RBI) रघुराम राजन ने कहा है कि वह कोरोना वायरस से भारत में छा रही मंदी से उबारने में मदद के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि देश अगर उनसे मदद मांगता है तो उनका सीधा जवाब होगा 'हां'.  गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते इस समय कई सेक्टरों में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं जो देश कि विकासदर  में बड़ा योगदान देते थे. इनमें से कई सेक्टर जैसे बैंकिंग और एविएशन ऐसे हैं जिनकी हालत पहले से ही ठीक नहीं थी. लॉकडाउन के ऐलान के बाद  जरूरी सेवाओं को छोड़कर हर तरह की आर्थिक गतिविधियां बंद हैं. दूसरी ओर लोगों को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए बैंकों को EMI भी तीन महीने के लिए  टालने के लिए बोला गया है. इसके साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है लॉकडाउन को हटाने या बढ़ाने को लेकर पीएम मोदी कोई बड़ा ऐलान आज या कल में कर सकते हैं. 

इन सब के बीच NDTV से बातचीत करते हुए रघुराम राजन ने कहा कि अगर उनसे मदद के लिए कहा जाता है तो उनका सीधा जवाब होगा 'हां'. आपको बता दें कि रघुराम राजन आरबीआई से हटने के बाद अमेरिका में अध्यापन काम कर रहे हैं.  उन्होंने कहा कि अगर भारत में भी अमेरिका और इटली जैसा संक्रमण फैलता है तो इसे गंभीरता से लेना होगा. उन्होंने कहा कि इन देशों में अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है और आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस समय मंदी है और उम्मीद है कि अगले साल ही वापसी हो. लेकिन इसमें यह भी देखना होगा कि महामारी को रोकने के लिए सरकार ने किस तरह से कदम उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि भारत के लिहाज से देखा जाए तो पहली दिक्कत एक्सचेंज रेट को लेकर है. लेकिन दूसरे देशों की तुलना में देखें तो हमारा एक्सचेंज रेट अभी काफी हद तक स्थिर है. इसकी वजह आरबीआई की ओर से मिल रही मदद है. रघुराम राजन ने कहा कि डॉलर के मुकाबले में रुपये में कुछ कमजोरी आई है लेकिन ब्राजील की तरह नहीं है जैसा कि 25 फीसदी गिरावट हुई है. हम अभी तक वैसी स्थिति में नहीं आए हैं. 

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