सोनिया गांधी और राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस पार्टी ने संसद भवन परिसर में स्थापित गांधी जी की मूर्ति के पास आयोजित होने वाला अपना धरना कार्यक्रम फिलहाल टाल दिया है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों के इस्तीफे की मांग पर अलग-थलग नहीं दिखना चाहती। कांग्रेस पार्टी अपने साथ अन्य दलों को मिलाकर इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित करना चाहती है।
बता दें कि व्यापमं और ललितगेट मामले पर सरकार को घेरने के लिए आज कांग्रेस के तमाम सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठने वाले थे। सांसदों में जोश भरने और मुद्दे को तूल देने के लिए इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होने वाले थे।
मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सोनिया और राहुल गांधी के साथ सांसदों की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया था। कांग्रेस आज लोकसभा और राज्यसभा में व्यापमं मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव भी पेश करेगी और गुरुवार को ललितगेट मामले पर।
ललितगेट में सुषमा के इस्तीफ़े पर कांग्रेस तमाम विपक्ष को एकजुट नहीं कर पायी है। ऐसे में लोकसभा में कांग्रेस की लड़ाई कमज़ोर पड़ने की आशंका है। लेकिन कांग्रेस सदन के भीतर के साथ-साथ बाहर भी मज़बूती से लड़ते दिखना चाहती है। इसलिए इस धरने का कार्यक्रम रखा गया था।
सरकार की तरफ़ से पहले ही साफ़ कर दिया गया है कि व्यापमं हो या ललितगेट, किसी भी मामले पर किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा नहीं होगा। कांग्रेस सुषमा, वसुंधरा और शिवराज के इस्तीफ़े से कम में मानने को तैयार नहीं इससे संसद में टकराव लाज़िमी है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया है कि जब सरकार दोनों ही मुद्दों पर सदन में बहस को तैयार है तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध क्यों, यह समझ से परे है।
बता दें कि व्यापमं और ललितगेट मामले पर सरकार को घेरने के लिए आज कांग्रेस के तमाम सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठने वाले थे। सांसदों में जोश भरने और मुद्दे को तूल देने के लिए इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होने वाले थे।
मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सोनिया और राहुल गांधी के साथ सांसदों की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया था। कांग्रेस आज लोकसभा और राज्यसभा में व्यापमं मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव भी पेश करेगी और गुरुवार को ललितगेट मामले पर।
ललितगेट में सुषमा के इस्तीफ़े पर कांग्रेस तमाम विपक्ष को एकजुट नहीं कर पायी है। ऐसे में लोकसभा में कांग्रेस की लड़ाई कमज़ोर पड़ने की आशंका है। लेकिन कांग्रेस सदन के भीतर के साथ-साथ बाहर भी मज़बूती से लड़ते दिखना चाहती है। इसलिए इस धरने का कार्यक्रम रखा गया था।
सरकार की तरफ़ से पहले ही साफ़ कर दिया गया है कि व्यापमं हो या ललितगेट, किसी भी मामले पर किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा नहीं होगा। कांग्रेस सुषमा, वसुंधरा और शिवराज के इस्तीफ़े से कम में मानने को तैयार नहीं इससे संसद में टकराव लाज़िमी है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया है कि जब सरकार दोनों ही मुद्दों पर सदन में बहस को तैयार है तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध क्यों, यह समझ से परे है।
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