
राफेल सौदा: कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर लगाया ज्यादा पैसा देकर डील करने का आरोप (फाइल फोटो)
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राफेल को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तरीके से चुना: फ्रांस
36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस से 58,000 करोड़ में की डील
कांग्रेस का आरोप, फ्रांस की कंपनी ने भारतीय पाटर्नर गलत तरीके चुना.
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कांग्रेस के आरोपों पर फ्रांस के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि लड़ाकू विमान को उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धी मूल्य के लिए चुना गया है. उन्होंने कहा है कि राफेल को पूरी तरह पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था. उन्होंने कहा कि ये एक घरेलू राजनीतिक मामला और वह उसमें दखल नहीं देना चाहते हैं.
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कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने फ्रांस की कंपनी से 58,000 करोड़ (7.8 अरब यूरो) में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है जो टैक्स देने वाले लोगों का कमाई है. कांग्रेस का आरोप है कि वर्ष 2012 में यूपीए सरकार ने फ्रांस से एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए जितने में समझौता किया था. उससे तीन गुना ज्यादा रकम देकर मोदी सरकार एयरक्राफ्ट खरीद रही है. इतना ही नहीं पार्टी का आरोप है कि सरकार सिर्फ एक इंड्रस्टियल ग्रुप रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को क्यों फायदा पहुंचा है. इस कंपनी ने फ्रांस की डसाल्ट एवियेशन के साथ मिलकर 30 करोड़ रुपये का निवेश किया है?
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कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए रिलायंस डिफेंस ने कहा है कि 24 जून 2016 को सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में जारी की गई नई नीति के अनुसार, डिफेंस सेक्टर में बिना पूर्व अनुमति के 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई. अब संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन करने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल या सीसीएस की अनुमति की जरूरत नहीं है. कंपनी का कहना है कि अगर कांग्रेस ने आरोपों को वापस नहीं लिया तो वह पार्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
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