नई दिल्ली:
विदेशी चंदा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ कांग्रेस और बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 सितंबर और 15 सितंबर को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी और कांग्रेस को साफ़ कहा कि कोर्ट दो दिन लगातार मामले की सुनवाई करेगा और मामले की सुनवाई नहीं टाली जाएगी.
दोनों पार्टियां केस की सुनवाई टालने की मांग कर रहे थे जिस पर याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने बड़े सवाल खड़े किए. दरअसल दोनों पार्टियों ने इस मामले में कानून के तहत जांच करने के हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस और भाजपा को मिले विदेशी चंदे पर सरकार और चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक छह महीने के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
यह मामला इंग्लैंड की कंपनी वेदांता की सहयोगी स्टरलाइट एंड सीसा कंपनी से चंदा लेने का था. इस कंपनी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को चंदा दिया है. हालांकि केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि ये कंपनियां विदेशी नहीं हैं जबकि चुनाव आयोग का कहना था कि ये फैसला गृहमंत्रालय को करना है कि कोई कार्रवाई करनी है या नहीं.
दोनों पार्टियां केस की सुनवाई टालने की मांग कर रहे थे जिस पर याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने बड़े सवाल खड़े किए. दरअसल दोनों पार्टियों ने इस मामले में कानून के तहत जांच करने के हाई कोर्ट के आदेश पर तत्काल अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस और भाजपा को मिले विदेशी चंदे पर सरकार और चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक छह महीने के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
यह मामला इंग्लैंड की कंपनी वेदांता की सहयोगी स्टरलाइट एंड सीसा कंपनी से चंदा लेने का था. इस कंपनी ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को चंदा दिया है. हालांकि केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि ये कंपनियां विदेशी नहीं हैं जबकि चुनाव आयोग का कहना था कि ये फैसला गृहमंत्रालय को करना है कि कोई कार्रवाई करनी है या नहीं.
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