नई दिल्ली:
गलत जानकारी के आधार पर कोयला ब्लॉक हासिल करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कांग्रेसी सांसद विजय दर्डा एवं पांच कम्पनियों के 17 कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए। जांच एजेंसी की टीम ने इस सम्बंध में मंगलवार को 11 शहरों के 30 स्थानों पर छापेमारी की।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि और भी कम्पनियां जांच के दायरे में आ सकती हैं। सीबीआई ने तीन महीने की शुरुआती जांच के बाद इस मामले में पांच कम्पनियों, उनके निदेशकों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज किया। उन पर गलत तरीके से तथ्य रखने और जवाबदेहियों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार, "सीबीआई ने कुछ निजी कम्पनियों, उनके निदेशकों एवं अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ तीन सितम्बर 2012 को मामला दर्ज किया था।"
एफआईआर में जिन पांच कम्पनियों के नाम हैं, उनमें एएमआर आयरन एंड स्टील, विनि आयरन एंड स्टील उद्योग, नवभारत पॉवर, जेएलडी यवतमाल एनर्जी और जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल शामिल हैं। प्राथमिकी में दर्डा के अलावा 17 लोगों के भी नाम आरोपी के तौर पर दर्ज हैं और इसमें से कुछ के नाम कई प्राथमिकी में हैं।
सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "ये मामले तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर और आवेदन में गलत दावे कर कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने और सरकारी अधिकारियों की ओर से इसे मौन सहमति देने को लेकर दर्ज किए गए हैं।"
बयान के अनुसार, "इसमें से कुछ कम्पनियों के मालिकों ने कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने के बाद अपनी हिस्सेदारी अवैध ढंग से बेच दी।"
केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर 2006-09 के कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता की सीबीआई द्वारा प्राथमिक जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया।
सीबीआई के मुताबिक, "मंगलवार को 11 शहरों के 30 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें नागपुर, कोलकाता, भिलाई, यवतमाल, रायपुर, धनबाद, रांची, हैदराबाद, मुम्बई, दिल्ली तथा अन्य स्थान शामिल हैं।"
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "शुरुआती जांच में हमें पांच कम्पनियों के खिलाफ अनियमितताएं मिलीं और हमने आज उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आठ से 10 और कम्पनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। जांच अभी जारी है।"
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में जेएलडी यवतमाल इनर्जी का नाम है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा सांसद दर्डा के परिवार से जुड़ी है। इस कम्पनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट ब्लॉक आवंटित किया गया था।
सीबीआई की छापेमारी सुबह शुरू हुई और यह करीब छह घंटे चली। सीबीआई ने हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया कि छापेमारी के दौरान उसे कम्पनियों के खिलाफ कोई साक्ष्य अथवा दस्तावेज मिले हैं या नहीं?
(इनपुट आईएएनएस से भी)
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि और भी कम्पनियां जांच के दायरे में आ सकती हैं। सीबीआई ने तीन महीने की शुरुआती जांच के बाद इस मामले में पांच कम्पनियों, उनके निदेशकों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज किया। उन पर गलत तरीके से तथ्य रखने और जवाबदेहियों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार, "सीबीआई ने कुछ निजी कम्पनियों, उनके निदेशकों एवं अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ तीन सितम्बर 2012 को मामला दर्ज किया था।"
एफआईआर में जिन पांच कम्पनियों के नाम हैं, उनमें एएमआर आयरन एंड स्टील, विनि आयरन एंड स्टील उद्योग, नवभारत पॉवर, जेएलडी यवतमाल एनर्जी और जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल शामिल हैं। प्राथमिकी में दर्डा के अलावा 17 लोगों के भी नाम आरोपी के तौर पर दर्ज हैं और इसमें से कुछ के नाम कई प्राथमिकी में हैं।
सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "ये मामले तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर और आवेदन में गलत दावे कर कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने और सरकारी अधिकारियों की ओर से इसे मौन सहमति देने को लेकर दर्ज किए गए हैं।"
बयान के अनुसार, "इसमें से कुछ कम्पनियों के मालिकों ने कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने के बाद अपनी हिस्सेदारी अवैध ढंग से बेच दी।"
केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर 2006-09 के कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता की सीबीआई द्वारा प्राथमिक जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया।
सीबीआई के मुताबिक, "मंगलवार को 11 शहरों के 30 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें नागपुर, कोलकाता, भिलाई, यवतमाल, रायपुर, धनबाद, रांची, हैदराबाद, मुम्बई, दिल्ली तथा अन्य स्थान शामिल हैं।"
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "शुरुआती जांच में हमें पांच कम्पनियों के खिलाफ अनियमितताएं मिलीं और हमने आज उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आठ से 10 और कम्पनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। जांच अभी जारी है।"
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में जेएलडी यवतमाल इनर्जी का नाम है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा सांसद दर्डा के परिवार से जुड़ी है। इस कम्पनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट ब्लॉक आवंटित किया गया था।
सीबीआई की छापेमारी सुबह शुरू हुई और यह करीब छह घंटे चली। सीबीआई ने हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया कि छापेमारी के दौरान उसे कम्पनियों के खिलाफ कोई साक्ष्य अथवा दस्तावेज मिले हैं या नहीं?
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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