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This Article is From Nov 13, 2014

अरुणाचल प्रदेश में चीन की घुसपैठ गंभीर मुद्दा नहीं : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर

अरुणाचल प्रदेश में चीन की घुसपैठ गंभीर मुद्दा नहीं : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की फाइल तस्वीर
पणजी:

केंद्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा घुसपैठ गंभीर मामला नहीं है और सेना इससे दिन प्रतिदिन के आधार पर प्रभावी तरीके से निपट रही है। उन्होंने इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए बुनियादी तैयारियां रखने की जरूरत बताई।

रक्षामंत्री के तौर पर कामकाज संभालने के बाद अपने गृहराज्य की पहली यात्रा पर पहुंचे पर्रिकर ने कहा, ‘‘चीनी घुसपैठ कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। यह मीडिया के लिए गंभीर मुद्दा है। चीन द्वारा घुसपैठ की घटनाएं छोटी बात है जिससे सेना प्रमुख या उस क्षेत्र में संबंधित कमांडर निपट रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि काल्पनिक सीमा पर बड़ा भूभाग है और कई बार बल इसे पार करते हैं।

उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे को तब गंभीर समझा जाना चाहिए जब वे (चीन) हमारे क्षेत्र में अपने शिविर लगा लेते हैं।' पर्रिकर के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश में सामने आई घुसपैठ जैसी घटनाएं कई बार कई क्षेत्रों में हो सकती हैं और इनसे एक दिन या कुछ दिनों में निपट लिया जाता है।

उन्होंने कहा, 'इन्हें बड़ी घुसपैठ कहना सही नहीं है। ये एलएसी का उल्लंघन है।' कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पर्रिकर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार के दौरान हुए अधिकतर रक्षा सौदे लॉबींग, निहित स्वार्थों और रिश्वत की वजह से अटक गए।

प्रक्रिया में अवरोधों को हटाने की जरूरत पर जोर देते हुए पर्रिकर ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह खरीद प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।

रक्षामंत्री पर्रिकर ने कहा, 'सशस्त्र बलों के लिए खरीद के मुद्दे को प्राथमिकता में लिया गया है। सशस्त्र बलों का क्षमता निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है।' गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने पिछले महीने हाल के दिनों में अरणाचल प्रदेश के ताकसिंग इलाके में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा किसी तरह की घुसपैठ की बात खारिज कर दी थी।

उन्होंने कहा था, 'यह स्वाभाविक है क्योंकि दोनों पक्षों के सैनिक सामान्य तौर पर गलती से एक दूसरे के इलाके में चले जाते हैं क्योंकि सीमा का कोई निश्चित निर्धारण नहीं है।' रक्षा खरीद पर पर्रिकर ने कहा कि आप इनकी प्रक्रियाओं को जितना कड़ा करेंगे, वे उतनी ही ज्यादा जटिल हो जाएंगी।

रक्षा मंत्री ने कहा, 'जटिलताओं को टालने का सर्वश्रेष्ठ तरीका खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।' पर्रिकर ने कहा कि उनके मंत्रालय की प्राथमिकता इस बात की जांच करना है कि सैन्य बल साजोसामान, आधारभूत ढांचों और मानवशक्ति के साथ तैयार हैं या नहीं।

उन्होंने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करना है कि किसी की नियंत्रण रेखा पर गोली चलाने की हिम्मत नहीं हो। घुसपैठ लगातार हो रही हैं लेकिन हमें सुनिश्चित करना है कि ये नहीं हों। हमें अपनी तैयारियां देखनी है।'

पर्रिकर ने कहा कि सेना प्रमुख द्वारा विभिन्न मुददों पर उन्हें प्रतिदिन जानकारी दी जा रही है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों में तकनीकी दिक्कतों और इसके कारण हादसे होने के मुद्दों को बहुत हद तक सुलझा लिया गया है।

पर्रिकर ने कहा, 'वर्ष 2014 में विमान हादसों की घटनाएं नहीं हुईं। अतीत में कुछ मुद्दे रहे हैं लेकिन उन्हें सुलझा लिया गया है।'

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