भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव और भारतीय बाजार में चीनी सामानों के आयात पर लगाई जा रही सीमित रोक का असर अब ज़मीन पर दिखने लगा है. चीन सरक़ार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ कस्टम्स की तरफ से 8 अगस्त को जारी ताज़ा ट्रेड डाटा के मुताबिक चीन से भारत में आयात गिरा है. जनवरी से जुलाई 2020 के बीच भारत में चीन से होने वाला आयात 32.28 बिलियन डॉलर रहा. यह जनवरी से जुलाई 2019 के मुकाबले 24.7% नीचे गिर गया है. यानी इस साल अब तक भारत में चीनी आयात लगभग एक-चौथाई गिर गया है. जबकि इस दौरान कुल व्यापार में 18.6 % की गिरावट आई है.
वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल ने आठ अगस्त को व्यापारियों से बातचीत के दौरान कहा था, "मूड ऑफ़ दी नेशन पोल में 90 % लोगों ने कहा वे भारत में बनने वाला सामान इस्तेमाल करना चाहते हैं. जो देश हमारे साथ सही सलूक न करे उनका सामान नहीं लेना चाहते हैं. 90 % लोगों ने कहा कि जो रिस्ट्रिक्शन्स भारत ने कुछ सामान के आयात पर लगाए, वह सही फैसला है. मोबाइल फ़ोन ज्यादा ज्यादा से इंडिया में बनें इसके लिए एक अच्छी प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम हमने शुरू की है. क्या हम भारत में टेलीविज़न नहीं बना सकते?"
दरअसल लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी हिंसा के बाद भारत ने आक्रमक तरीके से चीनी आयात पर रोक लगाई है.पावर और सोलर एनर्जी सेक्टर में चीनी कंपनियों से आयात पर सीमित प्रतिबंध लगाया. कस्टम्स ड्यूटी बढ़ाने से लेकर चीनी पावर इक्विपमेंट के सरकारी निरीक्षण को अनिवार्य करने का फैसला किया. छोटे-बड़े कलर टेलीविज़न सेटों के आयात पर सीमित प्रतिबन्ध, लाइसेंस अनिवार्य किया. चीनी ऐप पर प्रतिबंध, टायर और अगरबत्ती के आयात पर सीमित रोक लगाई और मोबाइल फ़ोन प्रोडक्शन में चीन पर आयात निर्भरता कम करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शुरू की.
सीएआईटी के अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल ने NDTV से कहा, "चीन का इम्पोर्ट घटा है. दिखता है कि भारत के लोग चीन के उत्पाद पर विश्वास नहीं करते हैं. देखना होगा आने वाले समय तक और कैसे कम हो. ये आंकड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है."
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