भारतीय सेना के अधिकारी और दो सैनिकों की जान जाने के बाद चीन का आग्रह, 'एकतरफा कार्रवाई न करें'

सेना ने कुछ समय पहले एक बयान में कहा था कि भारतीय सेना के जवान कल रात "दोनों पक्षों के बीच हुए हिंसा आमने-सामने" में मारे गए थे और दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव को दूर करने के लिए अब बैठक कर रहे हैं. बयान में दोनों पक्षों की ओर से हताहत होने की बात कही गई है

भारतीय सेना के अधिकारी और दो सैनिकों की जान जाने के बाद चीन का आग्रह, 'एकतरफा कार्रवाई न करें'

प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्ली:

लद्दाख के गालवान घाटी में चीन के साथ झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों की जान जाने के बाद  बीजिंग ने भारत पर "एकतरफा कार्रवाई नहीं करने या परेशानी नहीं बढ़ाने का आह्वान किया है. समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने यह आह्वान किया है. गौरतलब कि सेना ने कुछ समय पहले एक बयान में कहा था कि भारतीय सेना के जवानों की कल रात "दोनों पक्षों के बीच आमने-सामने की हिंसा" में जान जान चली गई. दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव को दूर करने के लिए अब बैठक कर रहे हैं. बयान में दोनों पक्षों की ओर से हताहत होने की बात कही गई है. चीन ने भारतीय सैनिकों पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने का आरोप लगाया है. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिकों की जान गई है. गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन ने "भारत से एकतरफा कार्रवाई करने  या तनाव बढ़ाने से बचने" को कहा है. इस बीच, पूवी लद्दाख में इस घटना के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टॉफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, तीनों सेना के प्रमुख  और विदेश मंत्री एस.जयशंकर के साथ बैठक की है.

दोनों पक्षों के बीच झड़प की यह घटना ऐसे समय आई है जब दोनों ही देश पूर्वी लद्दाख में एलएसी के आसपास दोनों पक्षों के आमने-सामने सामने आने के मामले का आपसी बातचीत से समाधान निकालने का इरादा जता चुके हैं. 6 जून 2020 को भारत और चीन के कार्प्स कमांडरों के बीच चूसूल-मोल्डो क्षेत्र में बैठक हुई थी. यह बैठक भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्रों में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये दोनों पक्षों के बीच जारी राजनयिक और सैन्य संवाद जारी रखने के तहत हुई थी.

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हाल के समय में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है. दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.