New Delhi:
केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पाकिस्तान को 'आतंकवाद का वैश्विक केंद्र' करार देते हुए कहा कि वह भारत के खिलाफ आतंकवादी ढांचे का इस्तेमाल राष्ट्रीय नीति की तरह कर रहा है। भारत और अमेरिका के बीच आतंरिक सुरक्षा पर पहली वार्ता में चिदंबरम ने कहा, पाकिस्तान में आतंकवाद का बहुत बड़ा ढांचा है और उसे राष्ट्रीय नीति की तरह बढ़ावा दिया जा रहा है। चिदंबरम ने अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा मामलों से सम्बद्ध मंत्री जेनेट नेपोलिटानो से बातचीत से पहले यह बात कही। जेनेट मंगलवार को भारत पहुंची थीं। पाकिस्तान को 'आतंकवाद का वैश्विक केंद्र' बताते हुए चिदंबरम ने कहा, यह एक तरह की सच्चाई ही है कि भारत सम्भवत: विश्व में सबसे कठिन पड़ोस के साथ रह रहा है। आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पश्चिम में हमारा पड़ोसी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की अपनी सुरक्षित पनाहगाहों से गतिविधियां चला रहे हैं और उन्होंने इस देश को तेजी से कट्टरपंथी बना दिया है। चिदंबरम ने कहा, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कमजोर है और देश की संरचना नाजुक बन चुकी है। आज पाकिस्तान को उन्हीं ताकतों से ही खतरा पैदा हो गया है और उसके लोगों के साथ-साथ सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी हमले हो रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद पाकिस्तान में लगातार आतंकवादी हमले हो रहे हैं। लादेन ऐबटाबाद के अपने महफूज ठिकाने में रह रहा था। चिदंबरम ने कहा कि आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत भारत और अमेरिकी सम्बंधों में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस बातचीत से दोनों देशों के बीच बढ़ती सामरिक भागीदारी को बहुत महत्वपूर्ण आयाम मिलेगा। चिदंबरम ने कहा कि देश आतंकवादियों की घुसपैठ और जाली मुद्रा प्रवाह जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, जो सिर्फ पश्चिमी सीमा की तरफ से ही नहीं, बल्कि उन देशों की तरफ से भी हो रहा है, जिनसे हमारी खुली सीमाएं हैं। चिदंबरम ने कहा, देश की सुरक्षा के लिए एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध पड़ोस का होना बहुत जरूरी है।
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