छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर शिकायत की है कि राज्य के अख़बारों ने पार्टी के उन विज्ञापनों को नहीं छापा जिनमें बीजेपी सरकार को निशाना बनाया गया था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रेस काउंसिल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के वक्त कांग्रेस बीजेपी से कुछ सवाल पूछना चाहती थी, लेकिन इन सवालों वाले विज्ञापनों को छापने से राज्य के तकरीबन सारे अख़बारों ने इनकार कर दिया. गुरुवार से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. अमित शाह का ये दौरा छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिये है. शाह मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के अलावा, राज्य में संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों से मिल रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि मीडिया पर बीजेपी सरकार के दबाव के चलते उसके विज्ञापन नहीं छपे गए.
बघेल के मुताबिक केवल एक ही अखबार ने उनका ऐड छापा. "हमने जो विज्ञापन तैयार किये थे उनमें छत्तीसगढ़ के राशन (नान) घोटाले समेत मुख्यमंत्री के विदेश में खाते होने की खबरों के आधार पर सरकार को घेरा गया था. हमने समाचार पत्रों को विज्ञापन दिये थे और उनके छपने की दरें भी तय हो गई थीं फिर अचानक सभी अख़बारों ने हमारे विज्ञापन छापने से मना कर दिया." छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने गुरुवार को इन मुद्दों को लेकर रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया. बघेल कहते हैं कि उनका विज्ञापन केवल देशबंधु में छपा.
एनडीटीवी इंडिया ने देशबंधु में छपे कांग्रेस के विज्ञापन को देखा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "न खाऊंगा, न खाने दूंगा" के नारे को याद दिलाते हुये राज्य सरकार पर 3600 करोड़ के नान घोटाले, विदेशों में काले धन और शराब बिक्री में 1500 करोड़ रुपये कमीशन खाने का आरोप लगाया गया है." हम सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आवाज़ उठा रहे हैं लेकिन सरकार की कलई खोलने वाले हमारे विज्ञापन न छपना दिखाता है कि मीडिया सरकार के बहुत दबाव में है."
गुरुवार को प्रेस काउंसिल को लिखी चिट्ठी में बघेल ने कहा है, "भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 8 से 10 जून तक छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. एक विपक्षी राजनीतिक दल होने के नाते हम प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह के भ्रष्टाचारों से जुड़े सवाल उठाना चाहते थे. इसके लिये गत 7 जून, 2017 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओऱ से हमने समाचार पत्रों में विज्ञापन देने का फैसला किया, जो कि 8 जून के अंक में प्रकाशित हो सके. प्रदेश के पांच प्रमुख पत्रों, दैनिक ने हमारा विज्ञापन प्रकाशित करने से इनकार कर दिया." शिकायत में कहा गया है, "अधिकृत रूप से समाचार पत्रों ने हमें इसकी कोई वजह नहीं बताई लेकिन आपसी बातचीत में समाचार पत्रों के विज्ञापन प्रबंधकों ने स्वीकार किया कि इस तरह के विज्ञापन प्रकाशित होने से संस्थान को सरकार की ओर से दिक्कत हो जायेगी."
एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में एक अख़बार के संपादक ने माना कि विज्ञापन उन्हें दिया गया था लेकिन उसमें जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया था वह आपत्तिजनक थी. इस संपादक ने कहा, "हमने एड की भाषा को लेकर अपने सलाहकारों से कानूनी राय ली और हमें बताया गया कि ऐसे आरोपों वाले विज्ञापन से बाद में समस्या हो सकती है. लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि अगर भाषा ठीक कर भी दी जाती तो क्या ये विज्ञापन छप पाता."
उधर छ्त्तीसगढ़ बीजेपी के सारे नेता गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ मीटिंग में व्यस्त रहे और वरिष्ठ नेताओं से कई बार कोशिश के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया. लेकिन पार्टी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा, 'कांग्रेस का यह आरोप कि मीडिया उनके विज्ञापन नहीं छाप रहा है और बीजेपी के दबाव में है, गलत है. मीडिया स्वतंत्र है और किसका विज्ञापन वो छापें या न छापें यह उनका अधिकार है. कांग्रेस को हम पर आरोप लगाने की आदत सी हो गई है.'
बघेल के मुताबिक केवल एक ही अखबार ने उनका ऐड छापा. "हमने जो विज्ञापन तैयार किये थे उनमें छत्तीसगढ़ के राशन (नान) घोटाले समेत मुख्यमंत्री के विदेश में खाते होने की खबरों के आधार पर सरकार को घेरा गया था. हमने समाचार पत्रों को विज्ञापन दिये थे और उनके छपने की दरें भी तय हो गई थीं फिर अचानक सभी अख़बारों ने हमारे विज्ञापन छापने से मना कर दिया." छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने गुरुवार को इन मुद्दों को लेकर रायपुर में विरोध प्रदर्शन किया. बघेल कहते हैं कि उनका विज्ञापन केवल देशबंधु में छपा.
एनडीटीवी इंडिया ने देशबंधु में छपे कांग्रेस के विज्ञापन को देखा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "न खाऊंगा, न खाने दूंगा" के नारे को याद दिलाते हुये राज्य सरकार पर 3600 करोड़ के नान घोटाले, विदेशों में काले धन और शराब बिक्री में 1500 करोड़ रुपये कमीशन खाने का आरोप लगाया गया है." हम सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और आवाज़ उठा रहे हैं लेकिन सरकार की कलई खोलने वाले हमारे विज्ञापन न छपना दिखाता है कि मीडिया सरकार के बहुत दबाव में है."
गुरुवार को प्रेस काउंसिल को लिखी चिट्ठी में बघेल ने कहा है, "भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 8 से 10 जून तक छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. एक विपक्षी राजनीतिक दल होने के नाते हम प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह के भ्रष्टाचारों से जुड़े सवाल उठाना चाहते थे. इसके लिये गत 7 जून, 2017 को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओऱ से हमने समाचार पत्रों में विज्ञापन देने का फैसला किया, जो कि 8 जून के अंक में प्रकाशित हो सके. प्रदेश के पांच प्रमुख पत्रों, दैनिक ने हमारा विज्ञापन प्रकाशित करने से इनकार कर दिया." शिकायत में कहा गया है, "अधिकृत रूप से समाचार पत्रों ने हमें इसकी कोई वजह नहीं बताई लेकिन आपसी बातचीत में समाचार पत्रों के विज्ञापन प्रबंधकों ने स्वीकार किया कि इस तरह के विज्ञापन प्रकाशित होने से संस्थान को सरकार की ओर से दिक्कत हो जायेगी."
एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में एक अख़बार के संपादक ने माना कि विज्ञापन उन्हें दिया गया था लेकिन उसमें जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया था वह आपत्तिजनक थी. इस संपादक ने कहा, "हमने एड की भाषा को लेकर अपने सलाहकारों से कानूनी राय ली और हमें बताया गया कि ऐसे आरोपों वाले विज्ञापन से बाद में समस्या हो सकती है. लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि अगर भाषा ठीक कर भी दी जाती तो क्या ये विज्ञापन छप पाता."
उधर छ्त्तीसगढ़ बीजेपी के सारे नेता गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ मीटिंग में व्यस्त रहे और वरिष्ठ नेताओं से कई बार कोशिश के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया. लेकिन पार्टी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा, 'कांग्रेस का यह आरोप कि मीडिया उनके विज्ञापन नहीं छाप रहा है और बीजेपी के दबाव में है, गलत है. मीडिया स्वतंत्र है और किसका विज्ञापन वो छापें या न छापें यह उनका अधिकार है. कांग्रेस को हम पर आरोप लगाने की आदत सी हो गई है.'
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