विज्ञापन
This Article is From Feb 07, 2021

छत्तीसगढ़: ITBP की अनोखी पहल, बच्चों को जूडो प्रशिक्षण दे रहे हैं जवान, अब तक जीत चुके हैं 112 मेडल

आईटीबीपी (ITBP) 41वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल जयप्रकाश व कांस्टेबल जाहिर हसन ने अक्टूबर 2016 में धुर नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के बच्चों को तत्कालीन सेनानी सुरेंद्र खत्री के मार्गदर्शन में जूडो का नि:शुल्क प्रशिक्षण शुरू किया था.

छत्तीसगढ़: ITBP की अनोखी पहल, बच्चों को जूडो प्रशिक्षण दे रहे हैं जवान, अब तक जीत चुके हैं 112 मेडल
आईटीबीपी (ITBP) के जवान जनजातीय बच्चों को जूडो प्रशिक्षण दे रहे हैं.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में आईटीबीपी (ITBP) के योगदान से स्थानीय जनजातीय बच्चे अब जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रहे हैं. आईटीबीपी (ITBP) की 41वीं बटालियन के जवानों ने इसे संभव कर दिखाया है. दो जवान सुबह-शाम मिलाकर पांच घंटे करीब दो सौ बच्चों को चार दलों में बांटकर प्रशिक्षण दे रहे हैं. इनमें पांच से लेकर 21 वर्ष तक के बच्चे‍ व युवा शामिल हैं. जवानों के मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत की बदौलत ये बच्चे राज्य व और राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 112 मेडल जीतकर अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं.

ITBP ने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में स्थानीय बच्चों के लिए शुरू की 'स्मार्ट' क्लासेज

आईटीबीपी (ITBP) 41वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल जयप्रकाश व कांस्टेबल जाहिर हसन ने अक्टूबर 2016 में धुर नक्सल प्रभावित मर्दापाल क्षेत्र के बच्चों को तत्कालीन सेनानी सुरेंद्र खत्री के मार्गदर्शन में जूडो का नि:शुल्क प्रशिक्षण शुरू किया था. अल्प संसाधनों के साथ प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास भवन के एक कमरे में 15-16 बच्चों से इसकी शुरूआत हुई थी. अभी यहां करीब दो सौ बच्चे (लड़के व लड़कियां) जूडो का प्रशिक्षण ले रहे हैं. बच्चों को आईटीबीपी (ITBP) बेसिक संसाधनों की भी उपलब्धता सुनिश्चित करती है और टी शर्ट, जुडो मैट आदि उपलब्ध करवाती है.

राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 34 और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में यहां के 161 बच्चे खेल चुके हैं. छात्र योगेश सोरी ने वर्ष 2018 में अंडर-14 की रांच (झारखण्ड) में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 35 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता था. वर्ष 2019 में इंफाल में 14 वर्ष, 40 किलो वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अनिल कुमार ने कांस्य पदक जीता था. वर्ष 2019 में ही नेशनल अंडर-14 के राष्ट्रीय मुकाबले में नवोदय विद्यालय की छात्रा शिवानी ने गोल्ड मेडल जीता था.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया

आईटीबीपी (ITBP) के कोच जयप्रकाश के अनुसार जूडो के जरिए बच्चे‍ न केवल खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि उनमें आत्मरक्षा का आत्मविश्वास भी बढ़ा है. लड़कियों के लिए तो यह खेल खास साबित हो रहा है. इससे बच्चों  में एकाग्रता और अनुशासन के गुण का विकास भी हो रहा है. यह खेल उन्हें भविष्य में करियर बनाने में भी काम आएगा. इससे यह भी अपेक्षा है कि इसकी बदौलत सुरक्षा बलों में भर्ती होने के लिए सकारात्मक अवसर उपलब्ध होंगे. नक्सल क्षेत्र के बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए आईटीबीपी के जवान छत्तीसगढ़ में हॉकी, जूडो से लेकर तीरंदाजी तक अलग-अलग विधाओं में उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं. ये सभी प्रशिक्षण संसाधन और कोचिंग पूर्णत: निःशुल्क हैं.

देसी नामों के साथ 17 कुत्ते आईटीबीपी की डॉग स्क्वायड में हुए शामिल

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com