ईमेल में 'चीयर्स वाड्रा' कहा, जांच में दुबई में भी संपत्ति का मिला इशारा

ईमेल में 'चीयर्स वाड्रा' कहा, जांच में दुबई में भी संपत्ति का मिला इशारा

रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो)

खास बातें

  • रिपोर्ट के अनुसार हथियार सौदागर ने लंदन में वाड्रा के लिए बेनामी घर खरीदा
  • वाड्रा के वकीलों ने सौदागर संजय भंडारी से किसी भी संबंध को किया खारिज
  • जांचकर्ताओं ने दुबई और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड तक बढ़ाया जांच का दायरा
नई दिल्ली:

एनडीटीवी की इस खबर के आने के बाद कि सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या हथियारों के एक विवादित सौदेबाज ने लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी घर खरीदा है, जांचकर्ताओं ने अपनी जांच का दायरा करमुक्त ब्रिटिश वर्जिनआईलैंड और दुबई तक बढ़ा दिया है।

रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों का आरोपों से पूरी तरह से खंडन
रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। उनकी सास और कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी ने कहा कि ये उनकी पार्टी के खिलाफ सरकार की साजिश की नई मिसाल है। सरकारी सूत्रों का मानना है कि लंदन के घर को  ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड की एक शैल कम्पनी जिसे रक्षा सौदागर संजय भंडारी ने बनाया था, 2009 में खरीदा और उसके एक साल बाद बेच दिया था।

दुबई में खरीदी गई 24 करोड़ की दो संपत्तियों की भी जांच शुरू हुई
संजय भंडारी द्वारा कथित तौर पर दुबई में खरीदी गई 24 करोड़ की दो संपत्तियों की भी जांच की जा रही है कि इन सौदों में कौन शामिल था और कौन भुगतानकर्ता। जांचकर्ताओं का दावा है कि उन्हें स्काईलाइट एसोसिएट नाम की कम्पनी पर इन सौदों को लेकर संदेह है। उन्होंने दुबई के अधिकारियों से कम्पनी के मालिकों के बारे में जानकारी मांगी है।

जांचकर्ता भंडारी के फोन और कंप्यूटर्स से डाटा रिकवर करने में सफल रहे
कर अधिकारियों के मुताबिक, भंडारी ने कल और आज सवालों से बचते हुए कहा कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उन्हें हफ्तेभर के आराम की जरुरत है। पिछले महीने एनफोर्समेंट एजेंसियों ने भंडारी के 18 ठिकानों पर छापा मारा था। भंडारी ने रेड के दौरान ब्लैकबेरी फोन को नष्ट करने की कोशिश भी की। हालांकि जांचकर्ता उनके फोन और कंप्यूटर्स से डाटा रिकवर करने में सफल रहे। उनका दावा है कि उन्होंने वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोरा द्वारा भेजे गए ऐसे ईमेल हासिल किए हैं जिनमें लंदन के घर के इंटीरियर (जिसमें रोशनी की सजावट भी शामिल है) से संबंधित भुगतान की बातों का जिक्र है।

 एनडीटीवी इन ईमेलों की वैधता की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं है।  
 
'चियर्स वाड्रा' लिखा है एक मेल में
वित्त मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में जाचकर्ताओं के अनुसार, इन ईमेलों में से एक 4 अप्रैल 2010 को लंदन के एक हथियार सौदागर सुमित चढ्ढा को भेजा गया है जिसमें भुगतान के तरीकों की चर्चा है। मेल को 'चीयर्स वाड्रा'  लिखते हुए खत्म किया गया है।

लाभकर्ता का नाम बताने के लिए सौदे के कागजात देखने पड़ेंगे : भंडारी
जाचकर्ताओं के मुताबिक भंडारी ने कहा है कि उन्हें घर के सौदे के वास्तविक लाभकर्ता का नाम बताने के लिए सौदे के कागजातों को देखना पड़ेगा। भंडारी के खिलाफ कई बड़े वित्तीय अपराधों के मामलों में जांच चल रही है जिसमें उनके द्वारा चलाई जा रही कथित 35 शेल कम्पनियां शामिल हैं। जांचकर्ताओं के मुताबिक उनका संबंध उन हवाला कम्पनियों से भी है जिन्होंने दिल्ली में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में राजनैतिक दलों की कथित तौर पर मदद की है। उन्होंने मात्र एक लाख रुपए की प्रदत्त पूंजी (पेड-अप कैपिटल) के साथ 2008 में OIS बनाई थी। बहुत तेजी से कई करोड़ का वेंचर बनी इस कम्पनी की जांच चल रही है।
   


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