यह ख़बर 19 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों से पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है?

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

पिछली संप्रग सरकार के दौरान विभिन्न पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों को खत्म करने के सिलसिले के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), एससी आयोग, एसटी आयोग और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रमुखों को उनके पद से हटाया जा सकता है।

फिलहाल एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ममता शर्मा, एससी आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया और आईसीसीआर के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने कहा कि सरकार ने उन्हें पद छोड़ने के लिए कोई जानकारी नहीं दी है।

बहरहाल पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की पहल के मद्देनजर इस तरह के दिशानिर्देश से इनकार नहीं किया जा सकता।

सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) के सभी सदस्यों से आज इस्तीफा देने को कहा।

एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा, 'मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। यह सब अफवाह है।' एनसीडब्ल्यू के नोडल मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार किया है।

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, 'अगर किसी की नियुक्ति पूरी तरह राजनीतिक आधार पर होती है तो उम्मीद की जाती है कि सरकार बदलने के साथ ही वह अपना इस्तीफा दे देगा।'

आईसीसीआर के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने भी कहा कि इस मुद्दे पर उन्हें सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं है।

आईसीसीआर के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे सिंह का तीसरा कार्यकाल 19 अगस्त को खत्म हो रहा है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने भी कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई सूचना नहीं मिली है। पुनिया ने कहा, 'मुझे सरकार की तरफ से इस्तीफा मांगने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है औपचारिक या अनौपचारिक रूप से। मुझे एनसीएससी के अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा सकता क्योंकि मैं एक संवैधानिक संस्था का प्रमुख हूं और नियुक्ति पत्र पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हैं।'

एसटी आयोग के शीर्ष सूत्रों ने भी इस तरह की खबर से इनकार किया कि सरकार उनके अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से इस्तीफा मांग रही है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्यक्ष कुशल सिंह से इस्तीफा देने के लिए कह दिया है।

आदेश का पालन करने से इनकार करते हुए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की है कि आयोग की प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर उन्हें नहीं हटाया जाए। उनका कार्यकाल इस वर्ष 10 अक्तूबर को खत्म हो रहा है।

अदालत ने सिंह की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है और डब्ल्यूसीडी मंत्रालय को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।

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सिंह को 30 मई और 2 जून को कई बार डब्ल्यूसीडी मंत्रालय से फोन कर एनसीपीसीआर प्रमुख पद से इस्तीफा देने को कहा गया।